झांसी : मऊरानीपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो जाने पर डॉक्टर और अधीक्षक अलग-अलग कहानी बताते नजर आये. सवाल यह खड़ा हो रहा है कि कौन झूठ बोल रहा है और बच्चे की मौत का जिम्मेदार कौन है.
झांसी में झूठ बोलते हैं डॉक्टर, बच्चे की मौत पर गढ़ रहे अलग-अलग कहानी - up hindi news
जिले के जिम्मेदार प्रशासनिक अफसरों की उदासीनता लोगों की मौत का कारण बन रही है. दरअसल यहां के जिम्मेदार अफसरों को स्वास्थ्य महकमे के गड़बड़झाले से कोई लेना देना नहीं है. आलम यह है कि अस्पताल में किसी की मौत हो जाने पर भी चिकित्सक झूठ बोलने से बाज नहीं आते.
दरअसल मऊरानीपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचमपुरा निवासी प्रसूता महिला नन्दनी को उसके परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रसव कराने के लिए लाये थे. उसे भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया गया और दूसरे दिन महिला ने मृत शिशु को जन्म दिया. परिजनों का आरोप है कि रात्रि के समय महिला चिकित्सक ड्यूटी से नदारद थी. मौजूद स्टाफ नर्स खुद को चिकित्सक बताकर महिला उपचार करती रही, जिससे बच्चे की मौत हुई.
इस मामले में बच्चे की मौत को लेकर जवाबदेही के सवाल पर स्वास्थ्य महकमे का झूठ सामने आ गया. बच्चे की मौत को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सक डॉ करुणा गौर ने बताया कि महिला को मृत बच्चा पैदा हुआ है. उन्होंने सीएचसी में मौजूद खून जांच की सीबीसी मशीन के खराब होने की बात कही. उन्होंने यह भी दावा किया कि ब्लड टेस्ट को लेकर मरीज की लापरवाही इस तरह की मौत का कारण बनती है. दूसरी ओर केंद्र के अधीक्षक डॉ आर जी शंखवार ने बताया कि अस्पताल में सीबीसी जांच की सुविधा उपलब्ध है. बच्चा पेट के अंदर ही मर गया था.