उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

धर्मांतरण का आरोप जीआरपी की जांच में निकला झूठा

यूपी के झांसी रेलवे स्टेशन पर एबीवीपी कार्यकर्ता की शिकायत पर पुलिस ने ट्रेन रुकवाकर दो ननों द्वारा लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन के लिए ले जाने के मामले में लड़कियों से पूछताछ की. पूछताछ में पता चला कि दोनों लड़कियां जन्म से ही ईसाई हैं. वहीं जांच में एबीवीपी कार्यकर्ता की शिकायत झूठी निकली.

धर्मांतरण का आरोप जीआरपी की जांच में निकला झूठा
धर्मांतरण का आरोप जीआरपी की जांच में निकला झूठा

By

Published : Mar 23, 2021, 8:57 PM IST

Updated : Apr 1, 2021, 8:02 PM IST

झांसीः उत्तरप्रदेश के झांसी स्टेशन पर दो नन और लड़कियों को ट्रेन से उतारने का मामला केरल में तूल पकड़ने लगा है. झांसी जीआरपी के प्रभारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के एक कार्यकर्ता ने शिकायत की थी कि महिलाओं ने दबाव बनाकर दो लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया है. जांच में शिकायत झूठी निकली. उन्होंने नन से दुर्व्यवहार के आरोपों से इनकार किया है.

धर्मांतरण का आरोप जीआरपी की जांच में निकला झूठा
नईम खान मंसूरी, सीओ- जीआरपी.

नई दिल्ली से राउरकेला जा रहीं थीं दो लड़कियां
जीआरपी प्रभारी ने बताया कि शुक्रवार को उत्कल एक्सप्रेस के बी-2 कोच में सवार दो ननों के साथ दो लड़कियां नई दिल्ली से राउरकेला जा रही थीं. ट्रेन के बी-1 कोच में इनके साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक कार्यकर्ता अजय शंकर तिवारी भी सफर कर रहा था. एबीवीपी कार्यकर्ता ने जीआरपी को शिकायत दी थी कि दो महिलाएं अपने साथ दो लड़कियों को ले जा रही हैं. उसने शक जताते हुए बताया कि ननों ने दोनों लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया है. उसने फोन पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और हिन्दू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं को इस बात की जानकारी दी. इसके बाद स्टेशन पर एबीवीपी और हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ता भी पहुंच गए और मामले की जांच की मांग करने लगे.

यह भी पढ़ेंः युवती की अश्लील वीडियो बनाकर करवाया धर्म परिवर्तन, चार गिरफ्तार

युवतियों को उनके गंतव्य रवाना किया
राजकीय रेलवे पुलिस झांसी के सीओ नईम खान मंसूरी ने प्रकरण की पूरी जांच की तो पता चला कि दो युवतियां राऊरकेला की थीं और दिल्ली में ट्रेनिंग कर रही थीं. दोनों लड़कियों के प्रमाण पत्र की जांच की गई तो उनके पास 2003 का नामकरण प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ. जिससे यह प्रमाणित हुआ कि दोनों ही लड़कियां जन्म से क्रिश्चियन थीं और किसी तरह का धर्मांतरण नहीं कराया जा रहा था. उन्हें केवल शक था जिसका निराकरण किया गया. मामले का निस्तारण करने के बाद दोनों ननों और दोनों युवतियों को उनके गंतव्य राऊरकेला के लिए रवाना किया गया.

Last Updated : Apr 1, 2021, 8:02 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details