जौनपुर: पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ के बाद जौनपुर की धरती का एक लाल शहीद हो गया. इस मुठभेड़ में जनपद के ईजरी गांव के रहने वाले जिलाजीत यादव शहीद हुए हैं. वहीं उनकी शहादत के 24 घंटे बाद भी गांव में न तो कोई जनप्रतिनिधि पहुंचा और न ही कोई अधिकारी. इससे ग्रामीणों में आक्रोश पनप गया और गुरुवार को लखनऊ वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया गया.
जौनपुर: शहीद के गांव में नहीं पहुंचे जनप्रतिनिधि, गांव वालों ने लगाया जाम
पुलवामा में शहीद हुए यूपी के जौनपुर जिले के रहने वाले जिलाजीत यादव के गांव में कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा. शहीद के गांव में जनप्रतिनिधियों के नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों ने राष्ट्रीय राजमार्ग जामकर हंगामा किया.
काफी देर तक हाईवे जाम रहा, जिसके कारण वाहनों की लंबी कतारें लग गईं. वहीं ग्रामीणों का कहना है की घटना को हुए 24 घंटे से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक गांव में न तो कोई बड़ा अधिकारी पहुंचा है और न ही कोई जनप्रतिनिधि पहुंचा है, जबकि जिलाजीत ने देश के लिए शहादत दी है.
जौनपुर के ईजरी गांव के रहने वाले जिलाजीत यादव बुधवार को पुलवामा में घुसपैठियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए. उनकी शहादत की खबर मिलते ही गांव में मातम पसर गया. लेकिन इतनी बड़ी घटना के बाद भी गांव में किसी बड़े अधिकारी और जनप्रतिनिधि का न पहुंचना चर्चा का विषय बना हुआ है. शहादत के बाद जहां हजारों की संख्या में शहीद के घर पर भीड़ जुटी हुई है. वहीं स्थानीय भाजपा विधायक और भाजपा के सांसद का कहीं अता पता तक नहीं है.
ऐसे मौके पर भी घटना के प्रति जनप्रतिनिधियों का न पहुंचना लोगों में नाराजगी है, क्योंकि जहां मुख्यमंत्री ने इस घटना को तुरंत संज्ञान में लेते हुए शहीद के परिजनों को 50 लाख की आर्थिक मदद और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की घोषणा की है. वहीं स्थानीय भाजपा के जनप्रतिनिधियों का पता तक नहीं है.