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ऑनलाइन टिकट व्यवस्था से पर्यटक हुए मायूस, विभाग को भी लग रही है चपत

कोरोना संक्रमण की शुरुआत के समय से ही सभी ऐतिहासिक स्थलों को बंद कर दिया गया था. जौनपुर में शाही किला समेत अन्य ऐतिहासिक इमारतें भी बंद थी. जुलाई के बाद से इन्हें पर्यटकों के लिए खोला गया था, लेकिन मैनुअल टिकट की व्यवस्था बंद कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की तरफ से यहां ऑनलाइन टिकट की व्यवस्था शुरू कर दी गई. ऑनलाइन टिकट व्यवस्था होने के कारण पर्यटकों को मायूस होना पड़ रहा है और वहीं दूसरी तरफ विभाग को भी चपत लग रही है.

जौनपुर शाही किला.
जौनपुर शाही किला.

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Published : Feb 26, 2021, 4:19 PM IST

जौनपुरःशाही किला इकलौता ऐसा ऐतिहासिक स्थल है. जहां घूमने के लिए टिकट लगता है. शहर के मध्य में और गोमती नदी के तट पर बने इस किले के दीदार के लिए पर्यटक दूरदराज इलाकों से यहां आते हैं. कोरोना संक्रमण के दौरान सभी ऐतिहासिक इमारतों को बंद कर दिया गया था. कुछ महीनों बाद जब ऐतिहासिक इमारतों को पर्यटकों के लिए खोला गया तो उसमें से शाही किला भी एक था, लेकिन इसके बाद भी यहां पर्यटकों के बड़े तबके को मायूसी का सामना करना पड़ रहा है. पर्यटकों की मायूसी का कारण ऑनलाइन टिकट की व्यवस्था है.

जौनपुर शाही किला.

शाही किले के दीदार के लिए पहले मैनुअल टिकट लगता था. इस टिकट की कीमत 25 रुपये थी, लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की तरफ से अब शाही के लिए में घूमने के लिए ऑनलाइन टिकट की व्यवस्था शुरू कर दी गई है. हालांकि विभाग की तरफ से ऑनलाइन टिकट की कीमत 20 रुपये रखी गई है, लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में पर्यटक मायूस नजर आ रहे हैं.

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जानकारी के अभाव में लोग दूर-दराज के क्षेत्र से यहां शाही किले के दीदार के लिए आते हैं. मगर मोबाइल फोन में ऑनलाइन व्यवस्था न होने के कारण उन्हें निराशा ही हाथ लगती है. पर्यटक बताते हैं कि ऐसी दशा में उन्हें बाहर से ज्यादा पैसे देकर टिकट बुक कराने होते हैं. इसके बाद ही वह शाही किले में घूमने जाते हैं. जिन पर्यटकों के पास मोबाइल नहीं होता वह वापस भी लौट जाते हैं. ऐसे में शाही किले के दीदार की उनकी हसरत अधूरी ही रह जाती है.

ऑनलाइन टिकट से रोजाना लगभग 300 से 350 की संख्या में पर्यटक टिकट बुक करा रहे हैं. अधिकारी यह बताने से जरूर कतरा रहे हैं. मगर जब ऑफलाइन टिकट की व्यवस्था थी तो यहां पर पर्यटक इस से दोगुनी संख्या में रोजाना घूमने आते थे.

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