जौनपुर: प्रदेश सरकार ने परिषदीय स्कूलों में अंग्रेजी का स्तर सुधारने के लिए ब्लॉक स्तर पर इंग्लिश मीडियम के परिषदीय स्कूलों की शुरुआत की है. लेकिन जब इन स्कूलों के शिक्षकों को अंग्रेजी की बेसिक चीजे तक नहीं पता वो बच्चों को क्या सिखाएंगे. मामला जौनपुर के बेलाव प्राथमिक स्कूल का है. ईटीवी भारत की टीम जब इस स्कूलों की स्थिति का जायजा लेने पहुंची. इस दौरान जो तस्वीर सामने वो निश्चित ही सरकार के प्रयासों पर पलीता लगाने वाली है. प्रदेश की योगी सरकार परिषदीय स्कूलों में अंग्रेजी के शिक्षण के स्तर को सुधारने के लिए काफी जोर दे रही है. फिर भी जौनपुर में कई स्कूलों का शिक्षण का स्तर आज भी अच्छा नहीं है.
सफेद हाथी सबित हो रहे महंगे शिक्षक
इंग्लिश माध्यम के मॉडल स्कूल स्थापित करने का सरकार का यही लक्ष्य है कि छात्रों को कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर अच्छी शिक्षा दी जाए. इसके लिए सरकार ने परिषदीय स्कूलों में बच्चों को अच्छे शिक्षण के लिए महंगे शिक्षक भी तैनात किए हैं, लेकिन यह शिक्षक सफेद हाथी साबित हो रहे हैं.
5 वीं के बच्चे नहीं लिख पाते अपना नाम
बता दें कि प्रदेश सरकार परिषदीय स्कूल के शिक्षकों को अच्छा वेतन और तमाम स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कर रही है. इसके बावजूद कुछ शिक्षकों की अज्ञानता छात्रों पर भारी पड़ रही है. हालात यह है कि कक्षा 4 और 5 के बच्चे अपना नाम तक नहीं लिख पाते.