जौनपुर:कोरोना वायरस के चलते देश में लागू लॉकडाउन का चौथा चरण अब खत्म होने को है. वहीं मिठाइयों के बेचने की अनुमति भी दे दी गई है. दुकानें पूरी तैयारी के साथ खुल गईं लेकिन इस लॉकडाउन के दौर में मिठाई की रानी कही जाने वाली इमरती के चाहने वालों की तादाद काफी कम हो गई है.
लॉकडाउन में घटी मिठाई की मांग. लॉकडाउन में घटी इमरती की बिक्री
जिले में इमरती को लोग बहुत पसंद करते हैं, लेकिन आज के दौर में वही इमरती अपने खरीदारों को ढूंढ रही है. मशहूर इमरती की दुकानों पर भी इन दिनों बिक्री प्रभावित होने से दुकानदार परेशान हैं. पूरे दिन में 20 फीसदी लोग ही इमरती खरीदने आते हैं, जबकि पहले के दिनों में इसकी खरीद के लिए लोगों का तांता लगा रहता था. यही हाल अन्य मिठाइयों का भी है, मिठाइयों की बिक्री 70 फीसदी तक प्रभावित हुई है. दरअसल इसके पीछे की वजह ये कि लोग कोरोना के चलते खुली मिठाई खाने में डरने लगे हैं.
मिठाइयों की दुकान पर सन्नाटा
लॉकडाउन के चौथे चरण में मिठाइयों की बिक्री को अनुमति मिली और बड़ी तैयारी के साथ इमरती की दुकानें भी खुल गई. लेकिन जिस उम्मीद के साथ इमरती की मशहूर दुकानें खुली वह रंग देखने को नहीं मिल रहा है. इस खास मिठाई के चहेते गायब होने से दुकानदार परेशान हैं, वहीं आज के दौर में इसके खरीदार गायब हो गए हैं. यही हाल जिले की पपड़ी का भी है. दुकान पर मिठाइयां तो कई तरह की हैं, लेकिन इनके खरीदार ही गायब हैं.
मिठाई की दुकान का संचालन कर रहे आशीष गुप्ता बताते हैं कि अब इमरती के चहेते केवल 20 फीसदी ही बचे हैं. इस लॉकडाउन के दौरान बिक्री बहुत प्रभावित हुई है. वहीं ट्रेन और प्लेन बंद होने से भी उनकी इमरती बाहर नहीं जा पा रही हैं.
दूसरी ओर पपड़ी के दुकानदार दिनेश साहू बताते हैं कि लॉकडाउन की वजह से उनकी मिठाइयों की बिक्री 70 फीसदी तक प्रभावित हुई है. लोगों में कोरोना वायरस की वजह दहशत कुछ ज्यादा है, जिसके कारण वह खुली मिठाइयों को खरीदने से परहेज कर रहे हैं.