जौनपुर: कोरोना महामारी ने पूरे देश को घरों में कैद कर दिया है, तो वहीं मंदिर में देवी देवताओं को भी आम श्रद्धालुओं से दूर कर दिया है. नवरात्र के मौके पर जहां जौनपुर के शक्तिपीठ चौकिया शीतला धाम में लाखों की भीड़ होती थी. बुधवार को वहां पूरी तरह से सन्नाटा है. लॉकडाउन के चलते मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं. स्थापना से लेकर अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ कि जब यह मंदिर बंद हुआ हो, लेकिन कोरोना वायरस से फैलने वाले संक्रमण को देखते हुए मंदिर को बंद कर दिया गया है.
कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में 21 दिनों का लॉकडाउन किया गया है. इस लॉकडाउन में आवश्यक वस्तुओं की दुकानें तो खुली है, लेकिन सारे प्रतिष्ठान और देवी-देवताओं के बड़े मंदिरों पर ताला लगा हुआ है. ऐसा इसलिए किया गया है कि लोगों की भीड़ इकट्ठी न हो, जिससे कि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.
जौनपुर के शीतला चौकिया धाम में नवरात्र के दुर्गा अष्टमी के दिन भी सन्नाटा पसरा हुआ है. नवरात्र में शीतला चौकिया धाम में लाखों की भीड़ जुटती है. इस मान्यता के चलते भी लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं कि यहां पर विंध्यवासिनी देवी के दर्शन से पहले माता शीतला का दर्शन करने की परंपरा है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते माता शीतला के भी कपाट बंद है. श्रद्धालुओं को मंदिरों के बंद होने पर गहरी निराशा है, लेकिन वहीं विश्वास भी है कि माता उनकी इस परेशानी को जल्दी खत्म करेंगी.
चौकिया धाम में माता की सेवा करने वाले अवनीश त्रिपाठी बताते हैं कि कोरोना के चलते मंदिर पूरी तरह से बंद है. स्थापना से लेकर यह पहला अवसर है जब मंदिर को बंद किया गया है. मंदिर बंद होने से दुकानदार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं, लेकिन अपनी माता पर विश्वास है कि यह महामारी जल्दी ही वह खत्म करेंगी.
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