जौनपुर: कोरोना महामारी के चलते पूरा देश 21 दिनों के लिए लॉक डाउन किया गया है .वहीं इस महामारी में जौनपुर का शीतला चौकिया धाम को भी बंद किया गया है. जबसे मंदिर की स्थापना हुई कभी भी इस मंदिर के कपाट बंद नहीं हुए लेकिन कोरोना की वजह से पहली बार देवी शीतला का यह कपाट बंद कर दिया गया है.
इस बार यह वायरस इंसानों के साथ देवी-देवताओं को मंदिरों में बंद रहने को विवश कर दिया है. जौनपुर के शीतला चौकिया धाम एक सिद्ध पीठ है. यहां नवरात्र के इस मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की हर दिन भीड़ होती है. जिसके लिए दुकानदार 2 महीने पहले से ही अपनी दुकानों में सामान भरने की तैयारी शुरू कर देते हैं.
लाखों रुपया लगाकर दुकानदारों ने अपने दुकान को भर लिए वही जब नवरात्र शुरू होने को आया तो कोरोना के चलते मंदिरों को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया. जिसके चलते दुकानदारों के सपने टूट गए और वह अब भुखमरी के कगार पर पहुंच गए।
शीतला चौकिया धाम को सिद्धपीठ की मान्यता है
जौनपुर का शीतला चौकिया धाम एक सिद्धपीठ माना जाता है .यहां की मान्यता है कि विंध्याचल में विंध्यवासिनी देवी का दर्शन करने से पहले इस मंदिर में देवी के दर्शन करना जरूरी होता है. इसलिए नवरात्र के इस मौके पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ होती है लेकिन इस बार कोरोना के चलते नवरात्र के मौके पर पहली बार मंदिर के कपाट बंद हुए हैं. जिससे श्रद्धालुओं के साथ-साथ यहां दुकानदारों में गहरी निराशा है.