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अमृत योजना के तहत खोद दिया शहर, जाम से त्राहिमाम - सीवर लाइन का काम

अमृत योजना के तहत जौनपुर में 365 किलोमीटर सीवर लाइन के पाइप बिछाए जा रहे हैं. बगैर किसी डायवर्जन के पूरे शहर को खोदकर रख दिया गया है. इससे जनता त्राहिमाम कर रही है. सड़कों पर जाम लगा रहता है. आम जनता की मांग है कि प्रशासन को कार्य के साथ आवागमन की व्यवस्था को भी ध्यान देना चाहिए.

जाम
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Published : Jan 14, 2021, 8:25 PM IST

जौनपुरः नगर पालिका क्षेत्र में अमृत योजना के अंतर्गत सीवर लाइन का काम चल रहा है. शहर की अधिकतर गलियों और मुख्य मार्गों को खोदकर छोड़ दिया गया है. इससे पूरे शहर में जाम लगा रहता है.

सड़क खुदाई से जाम.

सड़क की नहीं हो रही मरम्मत
शहर में अमृत योजना के तहत कुल 365 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछाई जानी है. इस काम को 225 करोड़ से पूरा करना है. सड़क की खुदाई के बाद कार्य पूरा होने पर संबंधित विभाग को मरम्मत भी करानी होती है. महीनों बीत जाने के बाद भी अधिकतर मार्गों की अभी तक मरम्मत नहीं हुई है. इसके कारण आवागमन में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

इन क्षेत्रों में हो रहा काम
जौनपुर शहर में हुसैनाबाद, मियांपुर, कटघरा, नईगंज वाजिदपुर, तारापुर और सहकारी कॉलोनी समेत टीडी कॉलेज और रोडवेज पर कार्य कराया जा चुका है. यहां की सड़कों की इसके बाद भी मरम्मत नहीं कराई गई है. गुरुवार को भी शहर की मुख्य सड़कों जाम लगा रहा. सीवर लाइन का काम अगस्त 2019 में शुरू हुआ था. इस कार्य को अप्रैल 2022 तक पूरा कर लेना है.

सरकार को लग सकती है चपत
संबंधित अधिकारियों की उदासीनता के कारण मरम्मत कार्य में फर्म ढुलमुल रवैया अपना रही है. अधिकारियों ने फर्म पर नकेल नहीं कसी तो सरकार को करोड़ों की चपत लग सकती है. अमृत योजना के अंतर्गत शहर में कुल 365 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाने का कार्य है. दक्षिणी छोर में 165 किलोमीटर सीवर लाइन का कार्य और उत्तरी छोर में 200 किलोमीटर सीवर लाइन बिछाने का काम करना है.

अस्पताल पहुंचना मुश्किल
मरम्मत कार्य में उदासीनता के कारण लोगों का यह मानना है कि कई महीनों तक जाम की स्थिति बनी रहेगी. जौनपुर के रहने वाले अवनीश सिंह ने बताया कि उन्हें किसी काम से सदर अस्पताल जाना था. जाम के चलते वह पहुंचने में असमर्थ हैं. सीवर लाइन के काम के कारण उन्होंने अपनी गाड़ी को कार्यस्थल के पास पार्क किया है और साधन की तलाश कर रहे हैं. इतने लंबे जाम के कारण साधन भी नहीं मिल रहा है.

जल निगम की पॉलिसी क्या है, इसको जानने के लिए अधिकारियों को बुलाया जाएगा. शासनादेश को ध्यान में रखकर उसी आधार पर काम कराया जाएगा.
-अनिल अग्निहोत्री, सिटी मजिस्ट्रेट

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