जौनपुर/सोनभद्र/उन्नाव/ अंबेडकरनगर/ पीलीभीत :उत्तर प्रदेश राजस्व महासंघ द्वारा अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन प्रदेश के अलग-अलग जिलों में किया गया. क्योंकि राजस्व विभाग में चकबंदी का विलय होना तय हुआ है. लिहाजा उत्तर प्रदेश राजस्व महासंघ से जुड़े अधिकारी और कर्मचारियों का कहना है कि चकबंदी विभाग के विलय से राजस्व विभाग का सबसे ज्यादा नुकसान होगा. समस्याएं घटने की बजाय और बढ़ जाएंगी. इस आंदोलन में राजस्व कर्मी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित लेखपाल शामिल हैं. सभी अपनी मांगो को लेकर सरकार के खिलाफ लामबंद होकर सड़कों पर आ गये हैं.
जौनपुर में राजस्व कर्मचारी धरने पर
जौनपुर में उत्तर प्रदेश राजस्व महासंघ द्वारा जिला कलेक्टर परिसर में अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. जिसमें राजस्व विभाग में चकबंदी के विलय, नियुक्ति को लेकर जौनपुर के जिला अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह तहसीलदार सदर के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया. धरना दे रहे लोगों का कहना है कि प्रदेश सरकार से कर्मचारियों के पदोन्नति वेतन विसंगति को दूर किए जाने की मांग की जा रही है. इस आंदोलन में राजस्व प्रशासनिक कानूनगो, मिनिस्ट्रियल, संवर्ग , लेखपाल संवर्ग के कर्मचारी शामिल थे. राजस्व कर्मचारियों ने अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. धरना दे रहे लोगों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा.
राजस्व विभाग में चकबंदी विभाग के विलय से नाराज राजस्व कर्मचारी
सोनभद्रमें उत्तर प्रदेश राजस्व महासंघ के आह्वाहन पर जिले में राजस्व कर्मचारियों ने अपनी मांगो को लेकर आवाज बुलंद की. ये कर्मचारी चकबंदी विभाग का राजस्व विभाग में विलय और समायोजन के खिलाफ सड़कों पर हैं. सरकार के इस फैसले से नाराज कर्मचारियों ने जिला कलेक्ट्रेट में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया.
चकबंदी विभाग का राजस्व विभाग में हो समायोजन
इस धरना प्रदर्शन में तीनों तहसीलों के तहसीलदार और नायब तहसीलदार शामिल रहे. धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता कर रहे तहसीलदार दुद्धी बृजेश कुमार वर्मा ने कहा कि राजस्व विभाग में दो विभाग हैं, एक चकबंदी विभाग और दूसरा राजस्व विभाग, जो तहसील से संचालित होता है. सरकार के स्तर से प्रक्रिया चल रही है कि चकबंदी और तहसील विभाग का विलय कर दिया जाए. जिसका हमारा संघ विरोध करता है कि सरकार चकबंदी विभाग के पदों को समाप्त न करें, बल्कि उसी पद को राजस्व विभाग के पदों में समायोजित कर दे, ताकि वेतन विसंगति न होने पाए.