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जौनपुर: परिषदीय स्कूल अब कॉन्वेंट स्कूलों को टक्कर देने के लिए हुए तैयार

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में परिषदीय स्कूलों का कायाकल्प किया जा रहा है. परिषदीय स्कूल अब सीधा कॉन्वेंट स्कूलों को टक्कर दे रहे हैं. बच्चों के लिए सभी तरह की सुविधाएं यहां पर कराई गई हैं.

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अब परिषदीय स्कूल दे रहे कॉन्वेंट स्कूल को टक्कर.

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Published : Jan 28, 2020, 2:19 PM IST

जौनपुर: प्रदेश सरकार अब परिषदीय स्कूलों को कॉन्वेंट स्कूलों से सीधी टक्कर देने के लिए तैयार कर रही है. पहले जहां परिषदीय स्कूलों की दशा काफी खराब होती थी, वहीं शिक्षा की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं थी. सरकार के प्रयास के बाद अब परिषदीय स्कूल भी इंग्लिश के मॉडल स्कूल की तर्ज पर स्थापित किए जा रहे हैं. परिषदीय स्कूलों की दशा को सुधारने के लिए उनका कायाकल्प हो रहा है.

परिषदीय स्कूलों को हो रहा कायाकल्प
जौनपुर में सैकड़ों की संख्या में ऐसे परिषदीय स्कूलों का कायाकल्प किया गया था जो पहले खराब थे. अब यह स्कूल कान्वेंट स्कूलों से भी बेहतर दिख रहे हैं. इन स्कूलों में जहां इंटरलॉकिंग हो गई है तो वहीं कक्षाओं में टाइल्स लग गई है. इसके कारण यह स्कूल अब पहचान में भी नहीं आ रहे हैं. स्कूलों में बच्चों के पीने के लिए साफ पानी और अच्छे टॉयलेट की व्यवस्था की गई है.

अब परिषदीय स्कूल दे रहे कॉन्वेंट स्कूल को टक्कर.

बच्चों की संख्या पहुंची 300
अब इन स्कूलों में पढ़ने के लिए बच्चों की होड़ लगी है. जौनपुर का करंजकला का परिषदीय मॉडल इंग्लिश स्कूल ऐसा ही हो गया है. स्कूल के कायाकल्प होने के बाद स्कूल में बच्चों की संख्या अब 300 से ज्यादा पहुंच गई है.

स्कूलों को बनाया गया मॉडल
जिले में पहले चरण में जहां पर सभी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारा गया तो वहीं प्रत्येक ब्लॉक में 10- 10 स्कूल को इंग्लिश मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया गया. अब खराब दशा वाले प्राथमिक स्कूलों का कायाकल्प करके उनको कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर बनाया जा रहा है. जनपद का करंजकला का प्राथमिक स्कूल अब कायाकल्प के बाद में कान्वेंट स्कूलों से भी बेहतर हो गया है. इस स्कूल में जहां पहले गड्ढे थे और स्कूल की दशा भी अच्छी नहीं थी, लेकिन कायाकल्प के बाद में स्कूल में इंटरलॉकिंग लगाई गई है.

स्कूल में कक्षाओं में टाइल्स भी लगाई गई है. स्कूल में बिजली कनेक्शन के बाद पंखे लगाए गए हैं, जिसके चलते बच्चों को अब न तो कम रोशनी की दिक्कत होती है और न ही गर्मी लगती है. वहीं बच्चों के लिए अच्छे टॉयलेट और साफ पानी की व्यवस्था की गई है. कक्षा 5 में पढ़ने वाली खुशी को अब स्कूल में पढ़ना अच्छा लगता है क्योंकि उनका स्कूल अब कन्वेंट स्कूल हो जैसा हो गया है.

कक्षाओं में लगा दी गई टाइल्स
स्कूल की प्रधानाध्यापिका दिव्या त्रिपाठी ने बताया कि उनका स्कूल कायाकल्प के बाद अब कान्वेंट स्कूलों जैसा हो गया है. इस स्कूल के बाहर जहां इंटरलॉकिंग की गई है, वहीं कक्षाओं में टाइल्स लगा दी गई है. अब उनके बच्चों को गर्मी नहीं लगती है. स्कूल की सहायक अध्यापिका मुशर्रफ फातिमा ने बताया कि उनका स्कूल अब प्राइवेट स्कूलों जैसा हो गया है. उन्हें अब पढ़ाने में भी अच्छा लगता है और बच्चों को यहां पढ़ने में काफी अच्छा लगता है, जिसके कारण बच्चों की संख्या अब 300 तक पहुंच गई है.


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