जौनपुर: कोरोना की वैश्विक महामारी के चलते देश में लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है. वहीं अब गरीब और मेहनतकश मजदूरों के सामने कई तरह की समस्याएं भी आने लगी हैं. लॉकडाउन में जहां जौनपुर में बड़ी संख्या में लोग बेरोजगारी के दंश को झेल रहे हैं तो वहीं महिलाएं भी काफी ज्यादा परेशान हैं, क्योंकि इस मुश्किल दौर में न तो आदमी को काम मिल रहा है न महिलाओं को. ऐसे में घर चलाना भी मुश्किल पड़ रहा है.
सरकार हर महीने राशन पर्याप्त मात्रा में जरूर दे रही है, लेकिन यह मात्रा गरीब मजदूरों को पूरे महीने तक पेट भरने के लिए नाकाफी है. अब लोग महीने के राशन बांटने का इंतजार पहले से ही करते हैं, क्योंकि राशन उन्हें खत्म होने पर खरीदना पड़ता है. जेब में पैसे नहीं हैं. इसलिए जैसे ही राशन बंटने लगता है, वह दुकानों पर समय से पहले ही पहुंच जाते हैं.
सरकार की मदद नाकाफी
लॉकडाउन के चलते गरीब मजदूर जो अन्य राज्य में फंसे हैं, उन्हें लाने का काम सरकार कर रही है. काम न मिलने के कारण बेरोजगार बैठे लोगों को अब अपने परिवार का पेट भरना भी मुश्किल पड़ रहा है, क्योंकि न तो उनके पास पैसे हैं और न ही सरकार की दी जा रही मदद पर्याप्त है. सरकार हर महीने राशन की दुकानों से प्रति यूनिट 5 किलो का राशन दे रही है, लेकिन राशन की यह मात्रा ज्यादातर गरीब परिवारों को पूरी नहीं बैठती है.
राशन की दुकानों पर लगी भीड़
वहीं राशन की दुकानों पर अब भीड़ लगने लगी है, क्योंकि उन्हें अपने परिवार का पेट भरने के लिए सरकार के राशन की ज्यादा जरूरत है. दुकानों पर लग रही भीड़ को रोकने के लिए प्रशासन ने सभी राशन की दुकानों के बाहर गोल घेरे बनवाए हैं, जिससे कि लोग इसमें खड़े होकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर सकें, लेकिन गोल घेरों में आदमी नहीं बल्कि राशन के झोले रखे जाते हैं. अब झोलों को ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा रहा है, जबकि महिलाएं और पुरुष दूसरी जगहों पर बैठे रहते हैं. दुकानदार भी इनके आगे मजबूर हैं.