जौनपुर:शर्की शासनकाल में देश की राजधानी रही जौनपुर कई मायनों में प्रसिद्ध है. जिले को इमरती और मक्का के लिए भी पूरे देश में जाना जाता है, लेकिन इससे भी ज्यादा जिले को 'नेवार' प्रजाति की मूली के लिए जाना जा रहा है. इस मूली की लंबाई चार फीट से लेकर छह फीट होती है. इस प्रजाति की मूली जिले में बह रही गोमती नदी के किनारे स्थित कुछ गांवों में ही पैदा की जाती है, जिसका अधिकतम वजन 14 किलो तक मापा गया है.
लंबाई, चौड़ाई और वजन से मूली की विदेशों में पहचान. 'नेवार' प्रजाति की मूली का आकार और लंबाई देखने वालों को हैरान कर देती है. इस मूली की सबसे बड़ी खासियत है कि यह स्वाद में मीठी और मुलायम होती है, लिहाजा इसका बना अचार बेहद पसंद किया जाता है. इस प्रजाति की मूली का विदेशों तक में निर्यात किया जाता है, क्योंकि इस मूली के चाहने वाले देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी हैं.
मूली, मक्का और इमरती की पहचान ने बढ़ाया जिले का मान
शर्की शासनकाल में देश की राजधानी रही शिराज-ए-हिंद जौनपुर मूली, मक्का और इमरती के लिए विश्व प्रसिद्ध है. यहां मकर संक्राति के अवसर पर लोग मूली सहित अन्य सामाग्रियां अपनी बहन-बेटियों को खिचड़ी में त्योहार के तौर पर देते हैं. इसकी मिठास ही इस मूली की सबसे बड़ी खासियत है.
ग्राहक नरेंद्र कुमार बताते हैं कि यह मूली जितनी बड़ी होती है, उतनी ही मीठी भी होती है. इस मूली को लोग विदेशों तक ले जाते हैं क्योंकि इसी मूली से जौनपुर को अलग पहचान मिली है. वहीं विक्रेता जयसिंह सोनकर का मानना है कि इस मूली को बेचते हुए उन्हें गर्व की अनुभूति होती है.
'नेवार' प्रजाति की प्रसिद्ध मूली की खेती करने वाले किसान चन्द्रशेखर का कहना है कि यह मूली 14 किलो वजन तक होती है, जिसकी लंबाई 5 फीट से भी ज्यादा हो सकती है. उन्होंने कई बार जिले में सबसे बड़ी मूली पैदावार की है, जिसके चलते प्रशासन ने उन्हें कई बार पुरस्कृत भी किया है.