जौनपुरःदेश भर में कोरोना वायरस महामारी के चलते लॉकडाउन जारी है. ऐसे में जहां एक तरफ कोरोना वायरस के मरीजों की बढ़ती संख्या से लोग भयभीत हैं तो वहीं इस दौर में बहुत कुछ अच्छा भी हो रहा है. लॉकडाउन के इस समय में वातावरण से प्रदूषण में कमी दर्ज की गई है, जिसका असर अब नदियों पर भी देखने को मिल रहा है.
लॉकडाउन प्रकृति के लिए वरदान
जौनपुर जिले में आदि गंगा गोमती को पूर्व की भांति लोग आचमन भी कर रहे हैं और इसमें नहाने भी लगे हैं. उनकी धार्मिक मान्यताएं अब यहां फिर से पूरी होने लगी है. अब तो लोग खुलकर कहने लगे हैं कि जो काम सरकारे हजारों करोड़ों रुपये खर्च करके नहीं कर पाई, उसे लॉकडाउन ने कर दिया. बिना पैसा खर्च किए ही नदियों का पानी साफ दिखने लगा है.
गोमती नदी में कम हुआ प्रदूषण
इस समय आसमान का रंग ही नहीं बदल रहा है बल्कि नदियों के पानी का रंग की अब तेजी से बदलने लगा है. जिले में बहने वाली गोमती नदी तो इतनी ज्यादा प्रदूषित हो चुकी थी कि इसके पानी से लोग नहाना तो दूर आचमन भी करने से घबराते थे. एक महीने से चल रहे लॉकडाउन में इस नदी के पानी में प्रदूषण की कमी हो गई है. नदी का पानी पहले से ज्यादा साफ दिखाई देने लगा है.
हजारों-करोड़ों की परियोजनाएं न कर पाईं ये कमाल
कई साल से गंगा और गोमती नदी के पानी की खराब होती गुणवत्ता से जहां पर्यावरणविद परेशान थे. वहीं इस प्रदूषित पानी को साफ करने के लिए सरकार भी चिंतित थी. इसके लिए कई परियोजनाएं भी चल रही हैं. हजारों करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी गंगा और गोमती जैसी नदियों का पानी साफ नहीं हो सका.