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जौनपुर में बिना धुंए की जांच के ही जारी हो रहा प्रदूषण प्रमाण-पत्र

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट बनवाने लिए लोगों की सुबह से ही लंबी-लंबी लाइनें लग रही है. वहीं प्रदूषण जांच केंद्र सर्टिफिकेट बनवाने के लिए लोगों से दोगुने दाम वसूले जा रहे हैं.

बिना जांच जारी हो रहा प्रदूषण प्रमाण पत्र.

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Published : Sep 15, 2019, 7:21 AM IST

जौनपुर: सरकार ने नए मोटर व्हीकल एक्ट में वाहन स्वामियों के लिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट अनिवार्य हो गया है. अब दोपहिया और चार पहिया वाहन स्वामियों के लिए अपने वाहन के धुंआ की जांच कर पॉल्यूशन सर्टिफिकेट लेकर चलना अनिवार्य है. नहीं तो इसके लिए एक हजार का जुर्माना भरना होगा. वहीं लोग जुर्माने से बचने के लिए जिले के पांच प्रदूषण जांच केंद्र पर सुबह से ही लंबी-लंबी लाइनें लग जाती है. भीड़ को देखकर प्रदूषण जांच केंद्र बिना जांच के ही प्रदूषण का सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं, वह भी दोगुने दाम में.

बिना जांच जारी हो रहा प्रदूषण प्रमाण-पत्र.

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प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट बनवाने के लिए वसूले जा रहे दोगुनेदाम
सरकार ने दोपहिया वाहन के लिए प्रदूषण जांच का रेट 30 रुपए रखा है, जबकि चार पहिया वाहन के लिए 60 रुपए है. जबकि जिले में 60 रुपए दो पहिया वाहन का और 100 रुपए चार पहिया वाहन का प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट का रेट है. अधिकारियों की नाक के नीचे सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले यह केंद्र खुलेआम संचालित हो रहे हैं.

प्रदूषण जांच केंद्र पर लग रहीं लंबी-लंबी लाइनें

  • सरकार के नए मोटर व्हीकल एक्ट के चलते पूरे देश में वाहन स्वामियों में हड़कंप मचा हुआ है.
  • दुपहिया वाहन चालक नए नियमों के चलते काफी परेशान हैं, हालांकि अभी जिले में पुराने नियमों के मुताबिक ही चालान काटे जा रहे हैं.
  • जिले में प्रदूषण सर्टिफिकेट के लिए सुबह से ही प्रदूषण जांच केंद्र पर लाइन लग रही है.
  • प्रदूषण केंद्र नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मानक के विपरीत बिना धुए की जांच कर ही सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं.

जबकि सरकार की मंशा है कि वाहन के धुए की जांच कर पॉल्यूशन का सर्टिफिकेट जारी किया जाए, जिससे कि वातावरण सही रहे लेकिन यह जांच केंद्र किसी भी वाहन के धुएं की जांच नहीं कर रहे हैं. प्रदूषण जांच केंद्र सरकार के नियमों की धज्जियां खुले आम उड़ा रहे हैं, बावजूद इसके जिले के परिवहन अधिकारी मौन हैं.

इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी जांच केंद्र ऐसा करता हुआ पाया जाएगा, उसका लाइसेंस के निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी.
-हरिशंकर सिंह, आरटीओ, वाराणसी मंडल

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