पूर्व प्राचार्य डॉ. अखिलेश्वर शुक्ला जौनपुरः जिले के राजा श्री कृष्णदत्त महाविद्यालय का भवन जर्जर होने के चलते निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया गया है. नया भवन निर्माण कराने के लिए कॉलेज में अनिश्चितकाल के लिए कला संकाय की पढ़ाई बंद कर दी गई है. परीक्षाएं राज इंटर कॉलेज में कराई जाएंगी. साइंस और कॉमर्स की कक्षाएं चलती रहेंगी, कॉलेज को बंद करने की नोटिस महाविद्यालय परिसर में नोटिस बोर्ड पर लिख दी गई है. यह नोटिस सोशल मीडिया में वायरल होने से छात्रों में उहापोह की स्थित बनी हुई है.
राजा श्री कृष्णदत्त महाविद्यालय की स्थापना 1841 में हुई थी. पहले इस शिक्षण संस्थान में केवल इंटर तक की पढ़ाई होती थी. 1969 में डिग्री कॉलेज की मान्यता मिलने के बाद कॉलेज के पिछले हिस्से को डिग्री कॉलेज में तब्दील कर दिया गया. इसके बाद 1996 में स्नातकोत्तर की मान्यता मिली. राजा कॉलेज में कला, शिक्षा, साहित्य, साइंस और कॉमर्स की पढ़ाई होती है. 181 वर्ष पुराने स्कूल का भवन जर्जर हो गया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कॉलेज प्रशासन ने पीडब्लूडी विभाग से जांच कराई, तो लोक निर्माण विभाग ने जांच करके अपनी तकनीकी मूल्यांकन आख्या कॉलेज प्रशासन को सौंप दी. आख्या में दर्शाया गया है कि यह बिल्डिंग किसी भी समय ध्वस्त होकर दुर्घटना का कारण बन सकता है. जांच आख्या मिलते ही प्राचार्य ने तत्काल कला संकाय का पठन-पाठन का कार्य अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का ऐलान कर दिया. यह सूचना उन्होंने कॉलेज परिसर के सूचना पट पर भी लिखवा दी.
कॉलेज के पूर्व प्राचार्य/विभागाध्यक्ष-राजनीति विज्ञान विभाग कैप्टन डॉ. अखिलेश्वर शुक्ला ने बताया कि जिले का सबसे पुराना यह शिक्षण संस्थान है. मौजूदा समय मे कुल 4,256 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. इसमें तीन हजार से अधिक स्टूडेंट्स कला संकाय के हैं. ऐसे में कॉलेज बंद होने से छात्रों के सामने बड़ी समस्या जरूर आ सकती है, लेकिन जर्जर भवन में पढ़ाई करना भी उनके जीवन के साथ खिलवाड़ करना साबित हो सकता है. किसी भी समय यह बिल्डिंग ध्वस्त हो सकती है.
डॉ. अखिलेश्वर शुक्ला ने बताया कि इस कॉलेज से नगर विधायक व सूबे के मंत्री गिरीश चन्द्र यादव, एमएलसी विद्यासागर सोनकर, राज्यसभा सदस्य सीमा द्विवेदी, पूर्व कैबिनेट मंत्री व जफराबाद के विधायक जगदीश नारायण राय ने भी इसी कॉलेज से पढ़ाई की है. ऐसे में उन सबका दायित्व बनता है कि वे लोग खुद संज्ञान में लेकर महाविद्यालय के नए भवन को जल्द जल्द निर्माण कराने में अपना अहम योगदान दें.