जौनपुर: प्रदेश सरकार ने बड़ी संख्या में बेसहारा जानवरों के लिए सभी जिलों में गोशालाओं का निर्माण कराया है, बावजूद इसके गोवंशों की मुसीबत कम होती नहीं दिख रही है. जिले में कई गोशाला पशुओं के लिए यातना घर साबित होती दिख रही हैं. सरकारी मानक के अनुसार बेजुबानों को गोशाला में रखकर उन्हें भूसा, चोकर और पानी की व्यवस्था देना है, लेकिन जिले के जलालपुर स्थित हरिपुर की गोशाला में हाल बिल्कुल उलट है.
जंगल के बीच बनी है गोशाला
इस गोशाला का निर्माण 3 महीने पहले ही गांव के जंगल के बीच कराया गया. गोशाला में अब 90 से ज्यादा पशु पल रहे हैं. वहीं मानक के विपरीत इस गोशाला में न तो पशुओं को भूसा ही दिया जा रहा है और नहीं चोकर. साथ ही पीने का पानी तक साफ नहीं मिलता है. गोशाला में भुखमरी के मारे गोवंश पेड़ों की छाल तक चबा गए हैं. गोशाला में दिन में जहां कुत्ते हमला करते हैं तो वहीं रात में सियार भी हमला कर उन्हें घायल कर देते हैं, जिसका कारण गोशाला में अभी तक एक ही व्यक्ति का तैनात किया जाना है.
गोशाला में 90 से ज्यादा गोवंश
आवारा गोवंशों से परेशान किसानों की परेशानी को देखते हुए सरकारी निर्देश पर 24 से ज्यादा गोशालाओं का निर्माण किया गया है. इस गोशालाओं में दो हजार से ज्यादा पशुओं का पालन पोषण किया जा रहा है, लेकिन जलालपुर की हरिपुर गांव में स्थित गोशाला पशुओं के लिए यातना घर के रूप में तब्दील हो रही है, जहां 90 से ज्यादा गोवंश पल रहे हैं.
गोशाला में नहीं है चहारदीवारी
गांव के एक किनारे जंगली क्षेत्र में गोशाला का निर्माण कराया गया है. चारों तरफ से चहारदीवारी न होने के कारण कटीले तार से घेरकर गोशाला बना दी गई. वहीं गोशाला में सरकारी मानक के विपरीत पुआल का भूसा गोवंशो को खाने के लिए दिया जा रहा है, जबकि चोकर का कोई पता नहीं है. भुखमरी की हालत का आलम इससे पता लगता है कि पशु गोशाला के बीच में लगे सैकड़ों पेड़ों की छाल तक चबा गए हैं.