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जौनपुर: आर्थिक तंगी से जूझ रहे प्रवासियों को वापसी के लिए नहीं मिल रहा टिकट - जौनपुर समाचार

यूपी के जौनपुर में लौटे प्रवासियों को वापस काम पर जाने के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना गाइडलाइंस के कारण काफी कम ट्रेनें चलाई जा रही हैं. महाराष्ट्र और गुजरात से लौटे प्रवासियों को ट्रेन के टिकट नहीं मिल पा रहे हैं.

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जौनपुर में प्रवासियों को नहीं मिल रहा टिकट.

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Published : Sep 3, 2020, 3:48 PM IST

जौनपुर: कोरोना के डर से मार्च और अप्रैल महीने में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर लौटे थे. जौनपुर में भी तीन लाख से ज्यादा प्रवासी ट्रेन, बस और ट्रकों से अपने घर आए थे. 3 महीने से ज्यादा का वक्त घर पर गुजारने के बाद अब इन प्रवासी मजदूरों को अपना और परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है. यह मजदूर अब आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. वहीं अब प्रवासी मजदूर मजबूर होकर गुजरात और मुंबई के लिए लौटने लगे हैं. इन दिनों ट्रेनों की संख्या कम होने के कारण प्रवासी मजदूरों को मुंबई और गुजरात लौटने के लिए टिकट नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

जौनपुर में प्रवासियों को नहीं मिल रहा टिकट.

प्रवासी मजदूर जब घर लौटे थे, तब उस वक्त भी उन्हें मुश्किलों से जूझना पड़ा था. आज वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि आजीविका चलाना मुश्किल हो रहा है. सरकार इतने दिनों में कोई रोजगार उपलब्ध नहीं करा पाई. ऐसे में हम वापस काम के लिए दूसरे प्रदेशों में जाने के लिए मजबूर हैं, लेकिन ट्रेन नहीं मिल पा रही है.

कोरोना के चलते मुंबई और गुजरात से लौटे प्रवासी मजदूर अब दोबारा रोजगार के लिए लौटने लगे हैं, लेकिन ज्यादातर मजदूरों को इन दिनों टिकट नहीं मिल पा रहा है, जिससे उन्हें खासा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. मुंबई और गुजरात जाने वाली ट्रेनों की संख्या इन दिनों कम है, तो वहीं ट्रेनों में यात्रियों को आरक्षित सीट मिलना ही मुश्किल हो गया है.

नहीं मिल रही आरक्षित सीट
जौनपुर में तीन लाख से ज्यादा प्रवासी मजदूर वापस लौटे थे, लेकिन अब रोजगार न मिलने और आर्थिक तंगी से परेशान होने पर वह मुंबई और गुजरात लौटना चाहते हैं, जिसके लिए वह ट्रेन में रिजर्वेशन कराने के लिए जौनपुर जंक्शन और सिटी स्टेशन पहुंच रहे हैं, लेकिन ट्रेनों में उन्हें सीट नहीं मिल पा रही है. 25 अक्टूबर तक ट्रेनों में मुंबई के लिए कोई सीट नहीं उपलब्ध है. वहीं काफी लोग तत्काल का टिकट कराकर लौटना चाहते हैं, लेकिन तत्काल बुकिंग की हालत भी काफी खस्ता है. ऐसे में अब प्रवासी मजदूर सरकार से राहत भरी उम्मीद की आस में बैठे हैं कि उनके लिए कुछ स्पेशल ट्रेनें और चलाई जाएं.

प्रवासियों की मांग
ट्रेन में टिकट कराने आए मोहम्मद राउफ बताते हैं कि कितने दिन तक घर पर खाली बैठा जाए. अब कोई रोजगार भी नहीं है. इसलिए वह दोबारा मुंबई लौटना चाहते हैं. इसके लिए वह टिकट कराने आए हैं, लेकिन मुंबई जाने वाली किसी भी ट्रेन में उनको टिकट नहीं मिल पा रहा है. वह सरकार से और ज्यादा ट्रेनों को चलाने की मांग कर रहे हैं.

वहीं नौकरी छोड़कर आए अरशद बताते हैं कि वह पिछले 15 दिनों से ट्रेन में रिजर्वेशन कराने के लिए लगातार स्टेशन पर आ रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें टिकट नहीं मिल पाया है. उन्होंने एक वेटिंग टिकट भी लिया था, जो कंफर्म नहीं हुआ. रोजगार के लिए वह मुंबई जाना चाहते हैं.

आरक्षण केंद्र प्रभारी ने दी जानकारी
प्रवासी आरक्षण केंद्र प्रभारी सुनील कुमार मिश्रा बताते हैं कि मुंबई और गुजरात लौटने के लिए इन दिनों काफी संख्या में लोग रिजर्वेशन कराने आ रहे हैं, लेकिन 25 अक्टूबर से पहले किसी भी ट्रेन में टिकट नहीं मिल रहा है. वहीं तत्काल की स्थिति भी काफी खराब है. लोग शाम 4 बजे से ही तत्काल के लिए लाइन लगा लेते हैं और सुबह जब तत्काल शुरू होता है, तो एक दो व्यक्तियों को ही टिकट मिल पाता है.

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