जौनपुरः CAA और NRC को लेकर जहां पूर्वांचल भी सुलगने लगने लगा है, वहीं प्रदेश में धारा 144 और एस्मा को लागू कर दिया गया है. इसके बाद भी जिला कलेक्ट्रेट पर लेखपाल प्रदर्शन कर रहे हैं. सिटी मजिस्ट्रेट सुरेंद्र नाथ मिश्रा का कहना है कि इस विषय पर तुरंत मीटिंग करके कार्रवाई की जाएगी.
धारा-144 और एस्मा लागू होने के बाद भी लेखपाल कर रहे प्रदर्शन.
क्या है एस्मा
आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने हेतु एस्मा लगाया जाता है. एस्मा लागू करने से पूर्व इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्य माध्यम से सूचित किया जाता है. एस्मा का नियम अधिकतम 6 माह के लिए लगाया जा सकता है. एस्मा लागू होने के उपरान्त यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध एवं दण्डनीय है. क्रिमिनल प्रोसीजर 1898 (5 ऑफ 1898) के अन्तर्गत एस्मा लागू होने के बाद इस आदेश से सम्बन्धित किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारन्ट के गिरफतार किया जा सकता है.
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क्या है धारा -144
सीआरपीसी के तहत आने वाली धारा-144 शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए लगाई जाती है. इस धारा को लागू करने के लिए जिलाधिकारी एक नोटिफिकेशन जारी करता है और जिस जगह भी यह धारा लगाई जाती है, वहां पांच या उससे अधिक लोग इकट्ठे नहीं हो सकते हैं. इस धारा को लागू किए जाने के बाद उस स्थान पर हथियारों के लाने ले जाने पर भी रोक लगा दी जाती है. धारा-144 का उल्लंघन करने वाले या इस धारा का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति को पुलिस गिरफ्तार कर सकती है. इस धारा का उल्लंघन करने वाले या पालन नहीं करने के आरोपी को एक साल कैद की सजा भी हो सकती है. वैसे यह एक जमानती अपराध है, इसमें जमानत हो जाती है.
धारा 144 और एस्मा जिले में लागू है, जिसके तहत किसी को भी धरना प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं है. तुरंत मीटिंग होने जा रही है, जिसके बाद अगर लेखपाल ऐसा कर रहे हैं तो उन पर भी विधि संगत कार्रवाई की जाएगी.
-सुरेंद्र नाथ मिश्रा, सिटी मजिस्ट्रेट