जौनपुर:वैश्विक महामारी कोरोना ने लोगों का जीना दुष्वार कर दिया है. इसकी रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाया गया है. मेहनत मजदूरी करके पेट भरने वाले मजदूरों का जीना दुष्वार हो गया है. इनकी तकलीफों पर मरहम लगाने के लिए सरकार ने महिलाओं के जनधन खातों में 500 रुपये और पंजीकृत मजदूरों के खातों में एक हजार रुपये भेज रही है, लेकिन इतने कम पैसों में मजदूरों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है. इसके लिए मजदूरों की भीड़ राशन की दुकानों पर देखी जा रही है.
लॉकडाउन से मजदूरों की बढ़ी समस्या
लॉकडाउन से सबसे ज्यादा समस्या ग्रामीण क्षेत्रों में मेहनत मजदूरी करनेवालों को हो रही है. सरकार उनका पेट भरने के लिए राशन तो मुहैया करा रही है, लेकिन ये राशन की मात्रा बहुत ही कम है. सरकार ने वादा किया था कि प्रत्येक राशन कार्ड धारक को 1 किलो दाल भी दी जाएगी, लेकिन इसे बदलकर बाद में चना कर दिया गया. ग्रामीणों का कहना है कि लॉकडाउन से उन्हें बहुत परेशानियां झेलनी पड़ रही है. घर में खाने के लिए राशन नहीं है. पैसे खत्म हो गए हैं. सरकार जो राशन दे भी रही है. उसकी मात्रा बहुत ही कम है, जिससे परिवार चलना कठिन हो गया है.