जौनपुर : जिले के नेवढ़िया थाना क्षेत्र के नवापुर तरती गांव के निवासी रजनीश कुमार सिंह, पढ़ाई लिखाई में शुरू से ही तेज थे. रजनीश ने एमबीए की पढ़ाई करने के बाद देश विदेश की कई कंपनियों में कार्य किया, लेकिन परिवार में पिता व भाई के इलाज के लिए मल्टी नेशनल कम्पनी का काम छोड़कर गांव वापस आ गए. पिता के इलाज के लिए डॉक्टरों ने जैविक अनाज खाने की बात में दिलो दिमाग में घर कर गई और जैविक खेती, मुर्गी फार्म, मछली फार्म का काम शुरू किया. आज रजनीश लाखों रुपये की कमाई जैविक खेती से कर रहे हैं.
जौनपुर के युवा किसान रजनीश ने मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरा मोती की कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है. रजनीश कुमार मल्टीनेशनल कम्पनी की 18 लाख पैकेज की नौकरी छोड़कर खेती-किसानी शुरू की. पांच वर्ष रजनीश ने पूर्व महानगरों की चकाचौंध से दूरी बनाते हुए गांव की पगडंडियों को पकड़ा तो लक्ष्मी की कृपा बरसने लगी है. अब रजनीश 50 से 60 लाख रुपये प्रति वर्ष कमाते हैं. खुद मुक्कमल किसान होने के बाद अब रजनीश शख्स तीन सौ किसानों को नई तकनीकी से जैविक फार्मिंग का गुण भी सिखा रहे हैं. घाटे की माने जाने वाली खेती को मुनाफा में बदलने के कारण रजनीश को जिला प्रशासन से लेकर प्रदेश स्तर पर कई बार सम्मानित किया गया है. बिहार सरकार रजनीश को अपने यहां बुलाकर किसानों की कार्यशाला भी लगवा चुकी है.
जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलो मीटर दूरी पर स्थित नेवढ़िया थाना क्षेत्र के नवापुर तरती गांव के निवासी रजनीश कुमार सिंह, पढ़ाई लिखाई में शुरू से ही तेज थे. रजनीश ने एमबीए की पढ़ाई करने के बाद देश विदेश की कई कंपनियों में कार्य किया. वर्ष 2017 में रजनीश ने प्राइवेट मार्केटिंग मैनेजर पद पर कार्य कर रहा थे. इसी बीच उनके पिता कैंसर से पीड़ित हो गए. कुछ दिन बाद उनके भाई को भी ब्लड कैंसर हो गया. पिता और भाई का इलाज कराने के लिए रजनीश घर आ गए. रजनीश ने बताया कि आज कल फल, सब्जी में रासायनिक खादों का प्रयोग व अन्य खाने पीने के सामानों में भारी मिलावट हो रही है. इसके कारण कैंसर समेत अन्य लाइलाज बीमारियों के मरीज बढ़ रहे हैं.