उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

केशव प्रसाद मौर्य की डिग्री के खिलाफ याचिका पर कोर्ट में सुनवाई आज - हिंदी साहित्य सम्मेलन

जौनपुर में केशव प्रसाद मौर्य की डिग्री को लेकर कोर्ट में दायर की गयी याचिका पर सुनवाई आज होगी. याचिका में करबला के रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट दिवाकर त्रिपाठी ने उन पर अमान्य डिग्री लगाकर चुनाव लड़ने और पेट्रोल पंप हासिल करने का आरोप लगाया है.

dy cm keshav prasad maurya degree
dy cm keshav prasad maurya degree

By

Published : Jul 27, 2021, 7:06 AM IST

Updated : Jul 27, 2021, 7:14 AM IST

जौनपुर:केशव प्रसाद मौर्य की डिग्री को लेकर दाखिल की गयी याचिका पर आज अदालत में सुनवाई होगी. याचिका में करबला में रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट दिवाकर त्रिपाठी ने केशव प्रसाद मौर्य पर अमान्य डिग्री लगाकर चुनाव लड़ने और पेट्रोल पंप हासिल करने का आरोप लगाया है. केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई. प्रार्थना पत्र स्थानीय मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जिस पर कोर्ट ने संबंधित थाने से रिपोर्ट तलब की थी. इस मामले की सुनवाई आज होगी.

इस प्रकरण की सुनवाई कर रहीं एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट नम्रता सिंह ने कैंट के थाना प्रभारी को आदेश दिया था कि इन आरोपों की जांच कर रिपोर्ट 27 जुलाई को पेश करें. अदालत ने यह भी पूछा था कि क्या इस मामले में उनके थाने में केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ कोई मामला दर्ज है या नहीं. करबला के रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट दिवाकर त्रिपाठी ने यह प्रार्थना दिया था. उन्होंने मांग की थी कि इस प्रकरण में कैंट थाना के प्रभारी को एफआईआर दर्ज करके जांच करने का आदेश दिया जाए.

आरटीआई एक्टिविस्ट दिवाकर त्रिपाठी का कहना है कि वर्ष 2007 में जौनपुर की पश्चिम विधानसभा सीट से केशव प्रसाद मौर्य ने विधानसभा का चुनाव लड़ा था. इसके बाद उन्होंने कई बार चुनाव लड़ा. केशव प्रसाद मौर्य ने अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्र में हिंदी साहित्य सम्मेलन की प्रथम, द्वितीया आदि की डिग्री लगाई थी. उनका कहना है कि इस संस्थान को उत्तर प्रदेश सरकार या किसी अन्य बोर्ड से मान्यता नहीं मिली हुई है. इन डिग्रियों की मदद से केशव ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से पेट्रोल पंप भी हासिल किया.

ये भी पढ़ें- Horoscope Today 27 July 2021 राशिफल : मेष, वृषभ, कन्या और धनु राशि वालों के लिए सकारात्मक दिन

दिवाकर त्रिपाठी के प्रार्थना पत्र में यह आरोप भी लगाया गया कि शैक्षिक प्रमाण पत्रों में अलग-अलग साल दिख रहे हैं. इन सर्टिफिकेट्स और डिग्री की मान्यता नहीं है. दिवाकर ने बताया कि उन्होंने स्थानीय थाना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, यूपी सरकार, भारत सरकार के विभिन्न अधिकारियों और मंत्रालयों को प्रार्थना पत्र दिया लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. वो मजबूर होकर कोर्ट की शरण में गए.

Last Updated : Jul 27, 2021, 7:14 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details