जौनपुर: जिले के सिटी रेलवे स्टेशन पर नौ दिन पहले समाजवादी पार्टी के सभासद बाला यादव की बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्या में शामिल चार आरोपियों को जीआरपी ने गिरफ्तार किया है. उनके पास से दो पिस्टल, चार जिंदा कारतूस और एक बाइक बरामद की गई है.
बता दें कि नौ दिन पहले सिटी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर सपा सभासद बाला यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड का खुलासा करते हुए जीआरपी ने चार हत्यारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. जीआरपी के पुलिस अधीक्षक डॉ. बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि बाला यादव की हत्या एक प्रतिशोध को लेकर की गई थी. जीआरपी ने बुधवार को हत्या के मास्टरमाइंड सहित चार लोगों को जलालपुर थाने के अंतर्गत त्रिलोचन महादेव बाजार से गिरफ्तार कर लिया.
जीआरपी के पुलिस अधीक्षक डॉ. बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि बाला के भाई जितेंद्र यादव की तहरीर पर भंडारी स्टेशन स्थित जीआरपी थाने में तीन नामजद व कुछ अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसमें सैदनपुर निवासी सुनील यादव, बक्सा थाने के निवासी राकेश यादव सहित मड़ियाहूं ब्लॉक प्रमुख लाल प्रताप यादव का नाम था. जीआरपी पुलिस को प्रथम दृष्टया यह मामला जमीनी विवाद का लग रहा था, लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती गई तो ये मामला भी सुलझता चला गया. सर्विलांस की मदद और मुखबिर से पता चला कि बाला यादव की हत्या साल 2016 में हुई एक हत्या की रंजिश को लेकर की गई है.
कैसे शुरू हुई रंजिश
साल 2016 में सैदनपुर गांव में प्रधानी चुनाव की बात को लेकर ओमप्रकाश यादव की हत्या हो गई थी. हत्या का आरोपी पवन गुप्ता को बनाया गया था. इस हत्या के कुछ दिन बाद 24 मार्च को पवन गुप्ता के भाई प्रेमचंद गुप्ता की हत्या कर दी गई. इसके बाद एक अन्य मामले में पवन गुप्ता को हत्या के प्रयास का आरोपी भी बनाया गया. साल 2019 में पवन गुप्ता पर गैंगस्टर लगा दिया गया. पवन गुप्ता को ऐसा लगा कि इसमें बाला यादव का हाथ है. इसी प्रतिशोध में पवन गुप्ता द्वारा बाला यादव की हत्या की गई. इस पूरी घटना में पुलिस ने पवन गुप्ता, जयदीप प्रकाश गायकवाड, रितेश सिंह और उमेश गौड़ को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके पास से दो पिस्टल, चार जिंदा कारतूस व एक बाइक बरामद की है.