जौनपुर उपचुनाव: निर्दलीय प्रत्याशी धनंजय सिंह ने क्षेत्रीय नेताओं पर साधा निशाना
जौनपुर मल्हनी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां आमने-सामने हैं. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व सांसद धनंजय सिंह भी इस सीट पर दावेदारी जमाने के लिए मैदान में उतर गए हैं. उन्होंने ईटीवी भारत से बात करते हुए उपचुनाव में अपनी जीत का दावा किया.
पूर्व सांसद से खास बातचीत.
जौनपुर: जिले के मल्हनी विधानसभा में चल रहे उपचुनाव भाजपा सपा एवं निर्दल प्रत्याशी पूर्व सांसद धनंजय सिंह में त्रिकोणीय माना जा रहा है. मल्हनी विधानसभा पहले रारी विधानसभा के रूप में जानी जाती थी. रारी विधानसभा के 2002, 2007 में धनंजय सिंह विधायक रह चुके हैं. धनंजय सिंह ने 2008 में बसपा शामिल हो गए. वे 2009 में बसपा के टिकट पर जौनपुर की सीट से सांसद बने. 2009 के बाद धनंजय सिंह को जीत हासिल नहीं हुई.
धनंजय सिंह ने कहा कि उनकी राजनीति 20 साल से चली आ रही है. मल्हनी विधानसभा पहले रारी विधानसभा हुआ था. रारी विधानसभा के 70 प्रतिशत क्षेत्र मल्हनी में है. 30 प्रतिशत नए जोड़े गए हैं. हम लोगों के काम 2002 से वही अनवरत चले आ रहे हैं. पिछले छह-सात साल से मल्हनी की समस्या बनी हुई है. सड़के खराब, शुद्ध पेयजल की समस्या बनी हुई है. 6-7 साल से मुख्यधारा की राजनीति से दूर होने से काफी दिक्कतें हुई हैं. धनंजय सिंह ने आगे कहा की लोगों का आदर सम्मान घटा है. कोई अपनी समस्या किसी से नहीं कर पा रहा है.
निर्दल की राजनीति
धनंजय सिंह से ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि हम लोगों ने निर्दल की राजनीति शुरू की है. वह अभी भी कायम है. हम लोग निर्दल ही चुनाव जीत कर जाएंगे. धनंजय सिंह ने सरकारी तंत्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि कितना भी गुंडई कर लें, चुनाव हम लोग ही जीत कर जाएंगे. जनता हम लोगों को जिताने का काम करेगी.
विकास के मुद्दे पर उठाए सवाल
धनंजय सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि 2009 के लोकसभा में लहर होने के बाद भी 9 में से 8 विधानसभा सीटें सत्तारूढ़ होने के बावजूद भी लोग हार गए. चार के चार विधायक मंत्री सब अपनी सीटें हारे हैं. धनंजय सिंह ने आगे कहा की सत्तारूढ़ पार्टी के जितने भी बीजेपी के नेता हैं सब कमाने खाने एवं जेब भरने में लगे हैं. उनको जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है. पूरी तरह से वह सरकार की बदनामी करने में लगे हैं.
पीएम-सीएम का पक्ष
धनंजय सिंह ने सीएम पीएम का पक्ष लेते हुए कहा कि सीएम-पीएम की कोई गलती नहीं है, जो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि होते हैं उन्हें सीएम से मिलकर रिक्वेस्ट करना, बात करना होता ह, लेकिन क्षेत्रीय नेताओं को जनता की समस्याओं में कोई रुचि नहीं है. वह लोकतंत्र नहीं राजतंत्र में जी रहे हैं. राजा बने हुए हैं. उन्होंने आगे बताया कि मैं भी जनप्रतिनिधि रहते हुए लोगों से मिलकर काम कराया हूं, रिक्वेस्ट किया हूं, जिससे लोगों की समस्याएं और समाधान हुआ है.
टूटेगा जातिगत समीकरण
मल्हनी विधानसभा क्षेत्र यादव बाहुल्य होने कारण सपा का गढ़ माना जाता है, जिस पर निशाना साधते हुए धनंजय सिंह ने कहा कि रारी विधानसभा में भी लोग जाति समीकरण की बात करते थे, पर मैं वहां से जीता नौजवान इसे तोड़ने का काम करते हैं, नौजवान ही इसे तोड़ेंगे.
20-25 हजार जीत का बताया अंतर
धनंजय सिंह ने कहा कि मल्हनी विधानसभा की जनता त्रस्त है. वह मुझे जीतने का काम कर रही है. इस बार 20 से 25 हजार वोटों से जीत हासिल होगी.