जौनपुर: बदलापुर में मिरसादपुर से लेकर हिम्मतपुर गांव को जोड़ने वाले चकरिहवा घाट पुल की मांग आजादी के बाद से ही की जा रही थी. 70 सालों से इस पुल के चलते इस क्षेत्र का विकास भी प्रभावित है. वहीं बारिश के दिनों में पुल के न होने की वजह से 50 गांव का संपर्क टूट जाता था, जिसके कारण यह गांव मुसीबत में घिर जाते थे.
पुल बनाने की मिली स्वीकृति
वहीं ग्रामीणों की यह मुसीबत अब दूर होने वाली है, क्योंकि चकरीहवा घाट का यह पुल अब सरकार की ओर से स्वीकृत हो चुका है. स्थानीय विधायक के प्रयासों से इस पुल की स्वीकृति मिली है. यह पुल 6 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा, जिसके लिए शासन ने 3 करोड़ रुपये की अग्रिम धनराशि की स्वीकृति भी प्रदान कर दी है. वहीं अब इस पुल का भूमिपूजन और शिलान्यास भी हो गया है, जिससे ग्रामीणों में खुशी की लहर है.
चकरिहवा घाट पुल को मिली स्वीकृति पुल न होने से 40 से 50 गांव होते थे प्रभावितबदलापुर क्षेत्र के मीरसादपुर इलाके में आजादी के बाद से ही चकरीहवा घाट पुल की मांग की जा रही थी. इस पुल के न होने की वजह से यह इलाका विकास से अछूता था. यहां के लोगों को बारिश के दिनों में पुल के न होने की वजह से काफी लंबा रास्ता भी तय करना पड़ता था. बारिश के दिनों में इस पुल के न होने से 40 से 50 गांव प्रभावित होते थे. हालांकि अब यह पुल स्वीकृत हो चुका है.
पुल बनने से खुलेंगे विकास के रास्ते
इस पुल का शिलान्यास भी स्थानीय विधायक रमेश मिश्रा के द्वारा किया गया है. वहीं इसका कार्य शुरू होने से स्थानीय लोगों में खुशी की लहर है क्योंकि उन्हें इस पुल से एक बड़ी सौगात मिली है. अब पुल की वजह से जहां बदलापुर से सीधे शाहगंज जुड़ जाएगा, वहीं विकास के रास्ते भी खुल जाएंगे.
स्थानीय निवासी राजेंद्र कुमार ने बताया कि पुल की वजह से अब 40 से 50 गांव को फायदा होगा. वहीं क्षेत्र के लोगों में इस पुल की मांग पूरी होने से खुशी की लहर है.
आजादी के बाद 70 सालों से इस पुल की मांग हो रही थी. वहीं 40 साल से किसी भी विधायक ने इस पुल के लिए कोई प्रयास नहीं किया. इस पुल को बदलापुर महोत्सव में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है. वहीं इस पुल से 40 से 50 गांव को फायदा पहुंचेगा.
-रमेश चंद मिश्रा, बीजेपी विधायक
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