जौनपुर:कोरोना के चलते लॉकडाउन में लोगों के जीने के तरीकों के साथ पढ़ाई के तरीके भी बदल चुके हैं. सरकार ने सामाजिक दूरी का पालन करने लिए स्कूल और कोचिंग को बंद करने का आदेश दिया है. इसके बाद से छात्र घरों पर ही पढ़ाई कर रहे हैं. कुछ अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों ने तो ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी, लेकिन परिषदीय स्कूलों में यह पढ़ाई आज भी बंद है. छात्रों को पढ़ाई में हो रहे नुकसान को कुछ शिक्षकों ने समझा तो उन्होंने अपने तरीके से ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी.
गरीब बच्चों के घर जाकर पढ़ा रही महिला शिक्षक जौनपुर के पचहटिया प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका छात्रों को लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन पढ़ा रही हैं. वहीं ऐसे बच्चे जिनके पास मोबाइल नहीं है, ये उनके घर पर जाकर होमवर्क कराने के साथ-साथ पढ़ाती भी हैं. उनकी समस्याओं का समाधान भी कराती हैं.
शिक्षिका का मानना है कि आज भी परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाले कई बच्चों के माता-पिता के पास स्मार्टफोन नहीं हैं, इसलिए सबको ऑनलाइन पढ़ाया नहीं जा सकता है. इसलिए वह उनके घरों में जाकर पढ़ा रही हैं.
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कोरोना के कारण लॉकडाउन की स्थिति में भी पचहटिया प्राथमिक स्कूल की प्रधानाध्यापिका अर्चना रानी बच्चों को आकर्षक ढंग से जानकारियों को ऑनलाइन भी बता रही हैं.
मोबाइल के माध्यम से घर बैठकर पढ़ रही पूजा मौर्या बताती हैं कि उनकी मैडम उन्हें व्हाट्सएप पर होमवर्क भेजती हैं, जिसको देखने के बाद वह उन्हें कॉपियों के माध्यम से करके फिर उन्हें फोटो खींच कर भेजती हैं. फिर उनकी टीचर उन्हें चेक करके बताती हैं. समस्या होने पर वह घर आकर भी समझाती हैं.
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वहीं छात्रा आंचल मौर्या बताती हैं कि लॉकडाउन में जब पढ़ाई-लिखाई बंद हो गई तो उनकी मैडम ने उन्हें ऑनलाइन पढ़ाने का काम शुरू किया. वह रोज व्हाट्सएप पर होमवर्क भेजती हैं, जिसको वह करके फिर दोबारा जवाब भी देती हैं. इससे उनकी पढ़ाई बंद नहीं हुई है. वहीं उन्हें कोई समस्या होने पर मैडम घर तक आकर समझाती भी हैं.
पचहटिया प्राथमिक स्कूल की प्रधानाध्यापिका अर्चना रानी कहती हैं कि आज के दौर में परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाले हर बच्चे के घर में स्मार्टफोन नहीं होता है. इसलिए वह ऑनलाइन पढ़ाई के साथ-साथ घरों में जाकर भी वो पढ़ा रही हैं, जिससे कि किसी भी बच्चे का पढ़ाई में नुकसान न हो.