जौनपरः जिले में अमृत योजना के तहत सीवर लाइन के लिए खुदाई का काम तेजी से किया जा रहा है. जिसकी वजह से पूरे शहर में कई जगह गड्ढे हो गये हैं. खुदाई के काम ने शहर की रफ्तार पर लगाम लगा दी है. गड्ढों की वजह से लोगों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
सीवर लाइन की खुदाई ने रोक दी शहर की रफ्तार
जौनपुर में अमृत योजना के तहत सीवर लाइन के लिए खुदाई का काम बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. इसके तहत पूरे शहर में जगह-जगह गड्ढे हुए हैं, जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
सीवर लाइनों का बिछाया जा रहा जाल
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिए शहर भर में सीवर लाइनों का जाल बिछाया जा रहा है. इसके चलते शहर में आम जनमानस को यातायात में परेशानियां आ रही हैं और ट्रैफिक पुलिस के जवान काफी मशक्कत के बाद किसी तरह से यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए हुये हैं. अलग-अलग मोहल्लों में काम एक साथ शुरू होने के चलते सड़कें खोद दी गई हैं. इसके चलते वैकल्पिक मार्गों पर भी जाम जैसी स्थिति पैदा हो गई है. बीच सड़क पर जेसीबी से खुदाई की वजह से गाड़ियों का आवागमन ठप हो गया है. बिना प्लानिंग के एक साथ कई मोहल्लों में काम शुरू होने की वजह से रूट डायवर्ट भी नहीं किया जा रहा है. शहर के जोगियापुर मोहल्ले में पिछले दिनों एक हिस्से में खुदाई की गई थी, मगर काम पूरा नहीं हुआ. एक बार फिर से उसके आगे के हिस्से को खोदना शुरू कर दिया है. जिसकी वजह से मोहल्ले में रहने वाले लोग परेशान हो गये हैं. इतना ही नहीं बल्कि शहर में जल निकासी की समस्या पहले से ही गंभीर है. सीवर लाइन बिछाने के काम की वजह से नालियां टूट गई हैं, जिससे घरों के बाहर गंदा पानी जमा होने से आसपास के लोगों का जीना दूभर हो गया है. इस समस्या के स्थाई समाधान पर इसके जिम्मेदार गंभीर नहीं है. नालियों के मामले में जब नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी संतोष कुमार मिश्रा से पूछा गया, तो उनका कहना है कि सीवर डालने के दौरान टूटी नालियों की मरम्मत कराना जल निगम का काम है.
सीवर लाइन बिछाने की वजह से शहर पूरी तरह से जाम के जाल में उलझ चुका है. मेन रास्तों पर जगह-जगह खुदाई के लिए खड़ी जेसीबी मशीन भी जाम की वजह बन रही हैं. दूसरी ओर बिना किसी प्लानिंग के हर मोहल्लों की खुदाई एक साथ शुरू होने की वजह से रूट डायवर्जन भी नहीं हो सका है. जिसके चलते आवागमन में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.