उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

लॉकडाउन में फीकी पड़ी ईद की मिठास, कैसे मनाएं त्योहार

रमजान का पाक महीना अपने आखिरी दौर में है. इसको लेकर जौनपुर में मुस्लिम परिवारों में खासा उत्साह रहता है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन ने ईद की मिठास को फीका कर दिया है. लोगों के पास न ही रोजगार बचा है न ही ईद मनाने के पैसे. सवाल यह है कि ईद मनाएं तो कैसे.

लॉकडाउन में फीकी पड़ी ईद की मिठास
लॉकडाउन में फीकी पड़ी ईद की मिठास

By

Published : May 15, 2020, 9:16 PM IST

जौनपुर:ईद के त्योहार का इंतजार हर मुसलमान करता है. महीने भर के पवित्र रोजे के बाद ईद के त्योहार को लेकर बच्चे बुजुर्ग सबमें खुशियों का माहौल रहता है. कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण पूरे देशभर में लॉकडाउन घोषित किया गया है, जिसकी वजह से इस बार ईद का त्योहार हर बार की तरह नहीं मनाया जा सकेगा.

लॉकडाउन में फीकी पड़ी ईद की मिठास

शहर के सभी बाजार,दुकाने बंद हैं, जिसकी वजह से ईद में होने वाली खरीदारी पर इसका खासा असर पड़ेगा. ईद के दिन अबकी बार मुस्लिम परिवारों को नए कपड़े नहीं नसीब होने वाले हैं. कपड़ों की सभी दुकानें, मॉल बंद हैं. नए कपड़ों की सिलाई भी नहीं हो पा रही है.

देश में चल रहे लॉकडाउन के कारण लोगों के पास न तो रोजगार है और न ही घर चलाने के लिए पैसे. इस बार सरकार की मदद के बाद भी दो जून की रोटी जुटाने में पूरा दिन बीत जाता है. ऐसे में ईद कैसे मनाए. इन दिनों बैंकों के बाहर जनधन खातों में आए पांच सौ रुपये के लिए लोगों की भीड़ देखी जा रही है. पांच सौ रुपये में घर का खर्च चलाना मुश्किल है, लेकिन इस संकट के दौर में ये पैसे जरूरी भी हैं. वहीं ईद को लेकर हर साल बाजारों में जैसी रौनक देखने को मिलती थी, वह इस बार गायब है. सेवई की दुकानों पर सन्नाटा पसरा हुआ है, जिसे देखकर तो यही लगता है कि इस बार ईद पर कुछ घरों में ही मीठी सेवइयां बनेगी.

ईद का नाम आते ही सेवइयों की मिठास मन में घुलने लगती है, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से ईद के त्योहार पर सजे सेवईं के बाजार की रौनक फीकी पड़ गई है. ईद का त्योहार आने में अब कुछ दिन ही बचा है. ऐसे में सेवई की दुकानों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.

इसका सबसे बड़ा कारण 50 दिनों से चल रहा लॉकडाउन है, जिसकी वजह से लोगों के पास न तो काम धंधे हैं और ना ही रोजगार है. ऐसे में जो बचे खुचे पैसे थे वह घर का खर्च चलाने में खत्म हो गए. अब तो सरकारी राशन और बैंकों में सरकार के द्वारा भेजे गए जनधन खातों की मदद सबसे ज्यादा काम आ रही है.

इस बार आर्थिक तंगी की वजह से सबसे ज्यादा मेहनत मजदूरी करने वाले लोग परेशान हैं. बैंकों के बाहर दिन की तपती धूप में लोगों की भीड़ देखी जा रही है. जनधन खातों में आए पैसे को निकालने के लिए उनको कई घंटों तक लाइनों में लगना पड़ता है.

इसे भी पढ़ें:-कोरोना : महाराष्ट्र में हैं 27,524 रोगी, संक्रमितों की संख्या 78 हजार के पार

इस बार लॉकडाउन की वजह से पेट भरना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में ईद कैसे मनाएं. जनधन खातों में भेजे गए ₹500 उसे बड़ी मुश्किल से काम चल पाता है .ऐसे में ईद के लिए दो काफी पैसे चाहिए होते हैं जो उनके पास नहीं है.
नसीबुन,मुस्लिम महिला

इस बार सेवई का बाजार फीका है. क्योंकि लोगों के पास पैसे नहीं हैं. इसलिए वह सेवई लेने भी नहीं आ रहे हैं. दुकानों पर दिनभर सन्नाटा पसरा रहता है. वहीं इस बार ज्यादातर घरों में सेवइया नहीं बनेंगी.
मोहम्मद मुजाहिद,दुकानदार

ABOUT THE AUTHOR

...view details