जौनपुरः गोशाला में पल रहे गोवंशों को ठंड से बचाने के लिए सरकार ने कड़े निर्देश दिए हैं. फिर भी अधिकारियों की लापरवाही अब बेजुबान पशुओं पर भारी पड़ने लगी है. शहर के जलालपुर स्थित लहंगपुर में अस्थाई गोशाला चल रही है. इस गोशाला में 90 से ज्यादा पशु हैं.
पर्याप्त इंतजाम न होने से गोशाला बनी कब्रिस्तान. गोशाला में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए न तो पर्याप्त इंतजाम है, न ही गोशाला में चारों तरफ से कोई घेराबंदी की गई है. इस कड़ाके की ठंड की वजह से पशुओं की मौत होती जा रही है. गोवंश को ठंड से बचाने के लिए अलाव की व्यवस्था भी नहीं की गई है. कड़ाके की ठंड अब इन पशुओं की जान पर बन आई है, जिसके चलते लगातार पशुओं की मौतें हो रही हैं. गोशाला परिसर में गड्ढों की खुदाई के चलते धीरे-धीरे पूरा गोशाला परिसर अब कब्रगाह बनता जा रहा है.
जिलाधिकारी ने प्रत्येक ब्लॉक में 4 गोशाला बनाने का काम शुरू किया है. जनपद में इन दिनों 2 हजार से ज्यादा बेसहारा पशु इन गोशालाओं में पल रहे हैं. उसके बावजूद भी जलालपुर क्षेत्र स्थित लहंगपुर में अस्थाई गोशाला में 90 पशुओं को रखा गया है. पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण कड़ाके की सर्दी के चलते बेजुबान पशुओं के मरने का सिलसिला अब बढ़ गया है, जिसके कारण गोशाला परिसर में ही मरे हुए पशुओं को गड्ढा खोदकर दफनाया जा रहा है.
गोशाला प्रभारी हवलदार यादव ने बताया कि पशुओं को खिलाने के लिए केवल सूखा भूसा है. पहले पशु आहार दिया गया था, जो अब खत्म हो चुका है. ठंड से पशुओं के मरने की संख्या बढ़ गई है. पशुओं को ठंड से बचाने के लिए अलाव की व्यवस्था भी नहीं है. पशुओं की मौतों के बाद परिसर में ही गड्ढा खोदकर इन पशुओं को दफनाया जा रहा है.
अगले दो-चार दिनों में ठंड से पशुओं को बचाने के लिए पर्याप्त प्रबंध करने के निर्देश दिए गये हैं. साथ ही खाना और पानी की व्यवस्था के लिए निर्देश दिए गए हैं.
- दिनेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी