जौनपुर: जिले में आयुर्वेद के 36 अस्पताल हैं और इन अस्पतालों में केवल 8 डॉक्टर ही बचे हैं. सरकार की तरफ से नए आयुर्वेदिक डॉक्टरों की कोई भर्ती नहीं की जा रही है. डाक्टरों के अभाव के चलते जिले के कई अस्पताल बंद हो चुके हैं. देश में आयुर्वेद का अगर यही हाल रहा तो आयुर्वेद केवल किताबों तक ही सीमित होकर रह जाएगा.
डॉक्टर न होने से धूल खा रहे आयुर्वेदिक अस्पताल अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
आज मरीजों का विश्वास आयुर्वेद पद्धति की तरफ बढ़ता जा रहा है, वहीं शासन की उदासीनता का दंश झेल रहे अस्पताल अपनी पहचान खोते जा रहे हैं. जौनपुर जनपद में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के अंतर्गत 36 अस्पताल संचालित है, लेकिन ये सभी में सिर्फ 8 डॉक्टरों के सहारे चल रहे हैं.
डॉक्टर न होने से धूल खा रहे अस्पताल
जिले के शाहगंज और मड़ियाहूं में 25 बेड का आयुर्वेदिक अस्पताल डॉक्टर ना होने के चलते बंद पड़ा है. शासन की इस लापरवाही के चलते आयुर्वेदिक अस्पताल में कोई मरम्मत नहीं हो रही है, जिसके कारण अस्पताल जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं. इन अस्पतालों की हालत देखकर यहां कोई मरीज भर्ती नहीं होना चाहता है. वहीं कई अस्पतालों को तो अब दवाओं के स्टोर रूम में भी तब्दील कर दिया गया है.
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जनपद में 36 आयुर्वेदिक अस्पताल संचालित हैं, जिसमें केवल 8 डॉक्टर ही बचे हैं. शाहगंज और मड़ियाहूं का आयुर्वेदिक अस्पताल डॉक्टर के अभाव के चलते बंद हो चुका है.
डॉ. कमल रंजन, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी, जौनपुर