जौनपुर: पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह पर अपहरण और रंगदारी मांगने के मामले में मुकदमा दर्ज कराने वाला वादी ही अपने बयान से मुकर गया है. वादी के वकील ने बताया कि उनके वादी अभिनव सिंघल ने उन्हें फोन करके बताया कि न तो धनंजय सिंह ने उनसे कोई रंगदारी मांगी और न ही उनके ऊपर अपहरण का कोई मामला था. पूरे मामले में पुलिस ने उन पर दबाव डाला और दबाव में ही उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया था. यहां तक कि पुलिस ने जौनपुर से मुजफ्फरनगर जाने के लिए भी दबाव बनाया था और उनका मोबाइल भी ले लिया था. उन्होंने भेजे वकालत नामे में यह चीजें भी स्पष्ट की हैं. अब पूर्व सांसद धनंजय सिंह के जमानत का भी रास्ता साफ हो चुका है.
पूर्व सांसद धनंजय सिंह मामले में बयान से मुकरा वादी
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में कुछ दिन पहले बाहुबली नेता धनंजय सिंह पर रंगदारी का आरोप लगाया गया था. वहीं अब वादी अपने बयान से मुकर गया. वादी के वकील का कहना है कि उनकी वादी से फोन पर बात हुई, जिसमें वादी ने बताया कि पुलिस ने ही दबाव बनाकर उनके ऊपर फर्जी मुकदमा करने का दबाव बनाया था.
पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह पर 10 मई को शहर के पचहटिया में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बना रही कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल की तहरीर पर लाइन बाजार थाने में अपहरण और रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज हुआ था. इसके कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने शहर स्थित आवास से पूर्व सांसद समेत दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. अगले दिन कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था. इस बीच केस दर्ज कराने वाले प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने अपने अधिवक्ता क्रांति प्रकाश सिंह के माध्यम से सीजेएम कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा कि उनका धनंजय सिंह से कोई विवाद नहीं है. उनकी ओर से कोई न दबाव दिया गया था और न ही रुपये की मांग की गई.
पूरे मामले में वादी अभिनव सिंघल ने अपने वकील क्रांति विक्रम सिंह को फोन से बताया कि पुलिस ने उनके ऊपर मुकदमा दर्ज करने का दबाव बनाया था और उन्हें मुजफ्फरनगर स्थित उनके घर भी पहुंचाया गया. वहीं पुलिस ने उनका मोबाइल भी जब्त कर लिया था. पूर्व सांसद पर केस दर्ज कराने वाले प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने अपने अधिवक्ता क्रांति विक्रम सिंह के माध्यम से सीजेएम कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा कि उनका धनंजय सिंह से कोई विवाद नहीं है. उनकी ओर से कोई न दबाव दिया गया था और न ही रुपये की मांग की गई. उन्होंने पुलिस के दबाव में पूर्व सांसद के अपहरण और रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराया था.