जौनपुर: जिला कारागार में सोमवार सुबह कैदियों के दो गुटों में कहासुनी हो गई. कहासुनी इतनी बढ़ गई कि आपस में मारपीट की नौबत आ गई. विवाद बढ़ता देख जेल अधीक्षक ने एसपी को फोन कर जेल में तत्काल फोर्स भेजने के लिए मदद मांगी. भारी सुरक्षा बल के साथ जेल में सभी बैरकों की सघन तलाशी ली गई. इस दौरान जेल प्रशासन अलर्ट दिखा.
जौनपुर जिला कारागार में दो बंदियों के गुट में मारपीट. जिला कारागार में दो बंदियों के गुट में मारपीट होने के बाद जेल अधीक्षक ने एसपी राजकरण नैयर को फोन कर जेल में फोर्स भेजने के लिए मदद मांगी. मदद मांगे जाने के कुछ ही देर बाद एसपी सिटी डॉक्टर संजय कुमार, सीओ सिटी लाइन बाजार एसओ सहित भारी पुलिस फोर्स जेल पहुंच गया. एसपी सिटी के नेतृत्व में पहुंची भारी पुलिस फोर्स ने सभी बैरकों की एक-एक कर तलाशी ली. इस दौरान जेल प्रशासन ने कैदियों को समझाने का प्रयास किया, जिसके बाद से कैदियों का आक्रोश कुछ ठंडा पड़ा. तकरीबन 3 घंटे तक जेल में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. कैदियों के शांत हो जाने के बाद जेल और पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली.
पहले भी हो चुकी है हिंसक झड़पयह कोई पहला मौका नहीं है जब जौनपुर कारागार में झड़प हुई हो. इससे पहले साल 2002 में हिंसक हुए कैदियों के पथराव के कारण बंदी रक्षक संजय बुरी तरह घायल हो गए थे. इस दौरान कई घंटों तक कैदियों ने जेल पर कब्जा जमाया हुआ था. इस दौरान प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी.
लिखित रिपोर्ट जेल से मांगी गई हैएसपी सिटी डॉक्टर संजय कुमार ने बताया कि मारपीट में कोई कैदी घायल नहीं हुआ. विवाद किन कैदी गुटों के बीच हुआ और किस बात को लेकर हुआ यह भी जांच का विषय है. इसकी लिखित रिपोर्ट जेल प्रशासन से मांगी गई है.