जौनपुर : अमृत योजना के अंतर्गत चल रही सीवर बिछाने की योजना में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. यह आरोप भाजपा नेता और स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्ता ने लगाए हैं.
यह बड़ी परियोजना जनपद के लिए सौगात के रूप में थी लेकिन इसमें बड़े स्तर पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लग रहा है. कार्यदाई संस्था पर देरी से कार्य करने के लिए लगाए गए पेनाल्टी में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है.
भाजपा नेता ने एसटीपी योजना में पेनाल्टी 'शून्य' करने का लगाया आरोप अमृत योजना के अंतर्गत 264 करोड़ की लागत से सीवर पाइप लाइन बिछाने का कार्य जौनपुर में चल रहा है. इस संबंध में स्वच्छ गोमती अभियान के अध्यक्ष गौतम गुप्त ने आरोप लगाया कि नमामि गंगे योजना के तहत बन रहे एसटीपी और अमृत योजना के तहत डाले जा रहे सीवर कार्य में बड़े स्तर पर तकनीकी भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता है.
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उन्होंने कहा कि समय से काम पूरा न होने पर कार्यदाई संस्था पर ₹65840 प्रतिदिन के हिसाब से पेनाल्टी लगाई गई थी. यह पेनल्टी 30 दिसंबर 2020 को लगाई गई थी. कहा कि बताया गया था कि शारदा फर्म को फरवरी के अंत में इसका 60% कार्य पूरा करना था लेकिन अब तक केवल 20% कार्य ही पूरा हुआ है. कहा कि अगस्त में भी कार्य अपनी गति से नहीं हो रहा है.
इस दौरान सिर्फ ₹9,87,600 की पेनल्टी काटी गई है जबकि कुल ₹38 लाख की पेनल्टी कटनी थी. कहा, इसके अलावा अगले बिल 24 मई को फर्म की पेनाल्टी को 'शून्य' कर दी गई जबकि मई माह तक एक करोड़ की पेनाल्टी लग जानी चाहिए थी.
इस संदर्भ में जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पेनाल्टी को लेकर जो आरोप लगाए गए हैं वो सही नहीं है. कहा कि पेनाल्टी माफ नहीं की गई है बल्कि जल निगम द्वारा कुछ मौका दिया गया है ताकि कार्यदायी संस्था वह पेनल्टी जमा कर सके.
कहा कि पेनाल्टी ली जाएगी. बताया कि कार्य अपनी तय सीमा से धीरे चल रहा है. इसे लेकर भी कार्रवाई की जाएगी.