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जौनपुर में पहेली बना प्राथमिक विद्यालय, न पीने का साफ पानी और न ही शौचालय - जौनपुर हिन्दी न्यूज

उत्तर प्रदेश के जौनपुर के सवंसा प्राथमिक विद्यालय की हालत खस्ताहाल है. जहां पर छात्रों को पानी और शौचालय जैसी जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है. वहीं स्कूल की फर्श से लेकर छत तक जर्जर हालत में पहुंच गई है, जिससे यहां पढ़ना और पढ़ाना दोनों खतरे से खाली नहीं है.

प्राथमिक विद्यालय की हालत खस्ताहाल

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Published : Sep 11, 2019, 9:31 AM IST

जौनपुर: प्रदेश की योगी सरकार परिषदीय स्कूलों को बेहतर बनाने के प्रयास में जुटी हुई है. वहीं जिले में कुछ ऐसे परिषदीय विद्यालय हैं, जहां छात्रों को पानी और शौचालय जैसी जरूरी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं है. ऐसे में इन स्कूलों के छात्रों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार का प्रयास है कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर बेहतर किया जाए लेकिन ऐसे में ये तस्वीरें इन प्रयासों को पलीता लगाते दिख रही हैं.

प्राथमिक विद्यालय की हालत खस्ताहाल.

जिले के प्राथमिक विद्यालय सवंसा की हालत काफी खराब है. स्कूल की फर्श से लेकर छत तक जर्जर हालत में पहुंच गई है. यहां स्कूल में पढ़ना और पढ़ाना दोनों ही अब खतरे से खाली नहीं है.

प्राथमिक विद्यालय की हालत खस्ताहाल

  • सरकार परिषदीय स्कूलों में पीने की पानी से लेकर शौचालय जैसी सारी सुविधाएं को अनिवार्य बना दिया गया है.
  • वहीं जिले में कई ऐसे स्कूल हैं, जहां पर जरूरी सुविधाएं आज भी मौजूद नहीं है.
  • जिले का प्राथमिक स्कूल सवंसा की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि इस स्कूल में छात्र महज एक कमरे में पढ़ने को मजबूर हैं.
  • स्कूल की फर्श से लेकर छत तक टूट रही है, वहीं स्कूल में शौचालय और पीने की पानी जैसी जरूरी सुविधाएं भी नहीं हैं.
  • इस स्कूल में छात्रों की संख्या बढ़ने के बजाय स्कूल की खस्ताहाल होने के चलते घट रही है.

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छात्राओं को शौच के लिए जंगल में जाना पड़ता है
स्कूल की छात्रा काजल ने बताया कि उनके स्कूल में न तो पीने की पानी की सुविधा है न तो शौचालय की. वहीं शौचालय के लिए उनको स्कूल के पीछे जंगल में जाना पड़ता है.

जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि धीरे-धीरे ऐसे सरकारी भवनों को देखा जा रहा है, जो जर्जर हालत में है.

स्कूल के जर्जर होने के चलते ही एक कमरे में ही सारी कक्षाएं संचालित हो रही है. स्कूल में शौचालय और पानी पीने की कोई सुविधा नहीं है. मजबूरन छात्रों को गंदा पानी पीना पड़ रहा है.
- रेखा यादव, प्रधानाध्यापिका

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