जालौन: राजस्थान के कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसकी चपेट में आने से जिले के 50 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के हालात को देखते हुए प्रदेश की उच्च शिक्षा विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग की राज्य मंत्री नीलिमा कटियार विधायक के साथ क्षेत्र का दौरा करने पहुंचीं.
बाढ़ पीड़ितों से मिलने पहुंचीं प्रभारी मंत्री. इसे भी पढ़ें :- जालौन: यमुना ने खतरे का निशान किया पार, प्रभावित गांवों में स्वास्थ्य टीमें तैनात
कई गांवों में हैं बाढ़ के हालात
जालौन में यमुना नदी का जलस्तर 111 मीटर के करीब पहुंच गया है जो अपने खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर है. यमुना में अचानक बढ़े जलस्तर के कारण 50 से अधिक गांवों में बाढ़ का संकट मंडरा रहा है. बढ़े जलस्तर के कारण यहां की बीहड़ पट्टी के मांगरोल, गुड़ा, देवकली सहित बारह से अधिक गांव में बाढ़ के हालात हैं.
बाढ़ के हालात का जायजा लेने पहुंचीं नीलिमा कटियार
इन गांवों का संपर्क मुख्यधारा से टूट चुका है और किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो चुकी है. यही हालात देखने के लिए जिले की प्रभारी मंत्री नीलिमा कटियार तमाम प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ क्षेत्र का दौरा करने पहुंचीं. जहां उन्होंने ग्रामीणों से बात करते हुए उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.
बाढ़ पीड़ितों से मिलीं प्रभारी मंत्री
बाढ़ से प्रभावित जो लोग स्कूल और पंचायत भवन में शिफ्ट किए गए हैं उनसे प्रभारी मंत्री ने हाल-चाल जाना और खाने, पीने और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं की जानकारी हासिल की. उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार और प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के साथ है. राजमंत्री पीड़ित परिवार से भी मिलीं, जहां एक शख्स की मौत बाढ़ में डूबने से मौत हो गई थी. उसके परिजनों को शासन की तरफ से चार लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की गई.