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जालौन: डीएम ने की उद्यमियों के साथ बैठक, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

यूपी के जालौन ​​​​​​जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर की अध्यक्षता में उद्योग बंधु की बैठक आयोजित हुई. इसमें उद्यमियों ने फैक्ट्री एरिया में खाली पड़े प्लॉटों को निरस्त कर सस्ते दामों में रीअलॉट करने की जिलाधिकारी के समक्ष मांग उठाई.

डीएम की उद्योग बंधुओं के साथ बैठक
डीएम ने की उद्यमियों के साथ बैठक.

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Published : Jul 28, 2020, 6:35 PM IST

जालौन: जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने मंगलवार को व्यापारी बंधुओं के साथ बैठक की. उद्योग बंधु समिति की बैठक में उपायुक्त उद्योग योगेश कामेश्वर की देखरेख में एजेंडा तैयार करवाया गया. इस दौरान सभी जनप्रतिनिधियों, उद्यमियों और अधिकारियों को बताया गया कि चेन्नई उद्यमी निवेश मित्र योजना के तहत पंजीकृत कराकर सिंगल विंडो योजना का लाभ उठा सकते हैं. इसमें विभिन्न विभागों से क्लीयरेंस और अनुमोदन समय से ऑनलाइन दिया जाएगा.

इसके साथ ही उपायुक्त श्रम उद्योग ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 45 चयनित आवेदन पत्रों को विभिन्न बैंकों के माध्यम से ऑनलाइन प्रेषित कर 63 लाख रुपए का ऋण आवंटित करा दिया गया है.

इसके साथ ही मजदूरों को कौशल बनाने के उद्देश्य से योजना के अंतर्गत 6 ट्रेंड में अभ्यर्थियों का चयन कर उन्हें ट्रेनिंग देकर टूल किट का वितरण कर आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग प्रदान किया गया है. उद्यमियों की तरफ से प्रतिनिधित्व कर रहे दिलीप सेठ ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि उरई औद्योगिक क्षेत्र में वर्षों से खाली पड़े प्लॉट को निरस्त कर उन्हें कम दर पर अलॉट करने की प्रक्रिया करवाई जाए. ताकि उद्यमियों की कम लागत में व्यापार खड़ा हो सके. साथ ही लोगों को रोजगार प्रदान किया जा सके.

इसके साथ ही औद्योगिक क्षेत्र में अनावश्यक झाड़-झाड़ियों के होने से वहां अराजक तत्वों का जमावड़ा लगने लगा है. ऐसे में नगर पालिका द्वारा साफ कराकर पुलिस टीम की पिकेट को बढ़ाया जाए.

जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने बताया कि कोरोना के बाद उद्योग बंधु की बैठक पहली बार आयोजित की जा रही है. बैठक में कई सारे मुद्दे उद्यमियों द्वारा दिए गए हैं. जिसमें औद्योगिक क्षेत्र में खाली पड़े प्लॉटों को निरस्त कर फिर से रीअलॉट करने का मामला सामने आया है. मामले में अपर जिला अधिकारी को निर्देशित किया गया है. खाली प्लॉटों के मालिकों को नोटिस भेजकर उन्हें उस जगह पर फैक्ट्री बनाने के कार्य को शुरू किया जाए. अन्यथा 15 दिन के अंदर उनका प्लॉट कैंसिलेशन प्रक्रिया में शामिल कर अलॉट कर दिया जाएगा.

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