जालौनःजिले से निकलने वाली यमुना नदी में राजस्थान के कोटा बैराज से 22 लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया. जिससे चंबल,सिंध और यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर बह रही है. इस वजह से जालौन की तहसील माधोगढ़ में 10 से अधिक और कालपी के 5 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए. माधौगढ़, रामपुरा और कालपी क्षेत्र के 15 ऐसे गांव जहां पानी ज्यादा होने और रास्ता न मिल पाने के कारण जिला प्रशासन ने वायु सेना से मदद मांगी गई. जिस पर वायु सेना के दो हैलीकॉप्टर ने राहत सामग्री के पांच हजार पैकेट बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वितरित किए गए.
उत्तर प्रदेश राहत आयुक्त कार्यालय ने बताया कि माधोगढ़ के 10 ग्रामों में 1500 व्यक्तियों को 2.500 किग्रा (लइया, चना, बिस्किट, गुड़ नमकीन, नहाने का साबनु , माचिस, मोमबत्ती,) प्रति पैकेट तथा कुल 1500 पैकेट तथा तहसील कालपी के 05 गांवों में लगभग 1000 व्यक्तियों को उक्त सामग्री के 1000 पैकेट वितरित कराए गए. इसके अलावा बाढ़ग्रस्त गांवों में शुष्क खाद्यान्न सामग्री (आटा, चावल, अरहर की दाल, हल्दी, मिर्च, धनियां, नमक, रिफाइण्ड, आलू आदि ) के 3750 पैकेट तथा 7271 व्यक्तियों को लंच पैकेट भी वितरित किए गए.
इस तरह किया जा रहा है बचाव कार्य
जनपद जालौन में बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्याें में एनडीआरएफ की दो, एसडीआरएफ की 01 टीम एवं आर्मी के 82 सैनिकों का पूरा सहयोग लिया जा रहा है. बाढ़ग्रस्त ग्रामों में बचाव एवं राहत कार्यों के लिए ग्राम स्तरीय समिति गठित की गई है. इन ग्राम स्तरीय समितियों एवं नोडल अधिकारियों से समन्वय बनाए रखने हेतु प्रत्येक ग्राम में एक-एक वायरलेस सेट युक्त पुलिस कर्मचारियों की भी तैनाती की गई है. जिससे संचार व्यवस्था भी बेहतर बनी हुई है. बाढ़ के संबंध में वर्तमान में किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं होने का दावा किया गया है.
इसे भी पढ़ें- यमुना का जलस्तर पहुंचा 118 मीटर के पार, प्रशासन ने बंद किया औरैया-जालौन मार्ग