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औद्यानिक मिशन मेले में किसानों की आय दोगुनी करने के बताए गए गुर

यूपी के जालौन में औद्यानिक मिशन योजना के अंतर्गत दो दिवसीय किसान मेले का आयोजन उरई में संपन्न हुआ. इस मेले में सरकार के कृषि से संबंधित विभागों ने कई स्टॉल लगाए. जहां किसानों को बीज, स्वास्थ्य, ऋण और प्रोसेसिंग यूनिट के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई.

दो दिवसीय किसान मेला उरई में संपन्न.
दो दिवसीय किसान मेला उरई में संपन्न.

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Published : Mar 14, 2020, 7:55 PM IST

Updated : Mar 15, 2020, 6:43 AM IST

जालौन:जिले में औद्यानिक मिशन योजना के अंतर्गत दो दिवसीय किसान मेले का आयोजन उरई के यमुना पैलेस में हुआ. अपर जिलाधिकार प्रमिल कुमार की अध्यक्षता और माधौगढ़ विधायक मूलचंद्र निरंजन विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे. गोष्ठी में किसानों को वैज्ञानिक पद्धति से बागवानी, पशुपालन और जैविक खेती की तरफ मोड़कर आय को दोगुना करने के तरीके बताए गए.

किसान मेले में किसानों को कृषि संबंधी जानकारियां दी गईं.

मेले में कृषि से संबंधित विभागों ने लगाए स्टॉल

मेले में सरकार के कृषि से संबंधित विभागों ने कई स्टॉल लगाए. जहां किसानों को बीज, स्वास्थ्य, ऋण और प्रोसेसिंग यूनिट के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई. इस गोष्ठी में उप कृषि निदेशक आरके तिवारी ने आये हुए किसानों को कृषि विभाग की तरफ से संचालित सभी योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी. साथ ही कृषि विभाग की योजनाओं के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि किसान पंजीकरण करायें, जिससे सोलर पंप, स्प्रिंकल सेट, कृषि यंत्र, वर्मी कंपोस्ट, एग्री-जंक्शन, मृदा स्वास्थ्य कार्ड और खेत तालाब योजना एवं अन्य संचालित योजनाओं चालू हैं, जिस पर अनुदान की जानकारी दी गई.

अन्ना पशुओं को लेकर किसानों ने उठाए सवाल

मेले में 25 से अधिक कृषि स्टॉल लगाये गये थे, जो कृषकों को फसल के बारे में विस्तृत जानकारियां दे रहे थे. इस गोष्ठी में मुद्दा उठाया गया कि किसानों को समय से नहरों से पानी नहीं मिल पाता है, इसके अलावा जनपद में 701 राजकीय नलकूप स्थापित हैं, जिनमें से 20 नलकूप अभी भी बंद पड़े हैं. वही अन्ना जानवर फसलों को खराब कर रहे हैं, जिस कारण किसान परेशान हैं. इन सभी मुद्दों को लेकर अपर जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में सबसे बड़ी समस्या अन्ना पशुओं की है, उसके निराकरण की व्यवस्था की जा रही है.

अपर जिलाधिकारी ने बताया कि बुंदेलखंड की धरती प्राकृतिक रूप से सभी पोषक तत्वों से भरपूर है और यहां की मिट्टी में वर्षा जल का संरक्षण कर पौधों का रोपण करना अति आवश्यक है. किसान केवल कृषि से ही नहीं बल्कि बागवानी, पशुपालन और जैविक कृषि कर अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं.

Last Updated : Mar 15, 2020, 6:43 AM IST

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