जालौन: बारिश के समय बालू को ऊंचे दामों में बेचने के उद्देश्य से जिले में बालू का कारोबार करने वाले पट्टेधारक डंप की अनुमति लेकर भारी मात्रा में बालू का भंडारण करते हैं, जिसमें कई बालू माफिया मिलीभगत से अवैध रूप से बालू का डंप भी कर लेते है. जिसको देखते हुए जनपद के अलग-अलग क्षेत्रों में 80 से अधिक संख्या में मौरंग के अवैध डंप लगाए हुए हैं. इस पर जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने अपर जिलाधिकारी पूनम निगम, सदर एसडीएम सत्येंद्र सिंह और अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में कमेटी गठित करते हुए बिना मानकों के अवैध रूप से पड़े डंपों पर कोई कागज न होने और मानक से अधिक मात्रा में बालू मिलने पर कार्रवाई करने के लिए आदेश निर्देशित किए हैं.
मानक विहीन लगे बालू के भंडारण पर चलेगा प्रशासन का चाबुक
जिले में कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान बालू माफियाओं ने जमकर फायदा उठाया. जिले में इस दौरान माफियाओं ने अवैध तरीके से बालू का भंडारण कर लिया. ताकि बरसात में बालू को ऊंचे दामों में बेच सकें. इसकी जानकारी जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन को हुई तो उन्होंने अपर जिलाधिकारी, एसडीएम और अतिरिक्त मजिस्ट्रेट के निर्देशन में खनिज विभाग के साथ मिलकर टीम गठित की. साथ ही उरई व कालपी के क्षेत्रों में वैध और अवैध तरीके से बालू का भंडारण की जांच कर कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है.
अपर जिलाधिकारी पूनम निगम के नेतृत्व में राठ रोड पर मौखरी ढाबा के पास लगे बालू के डंप का निरीक्षण करने पहुँची तो डंप संचालको में हड़कंप मच गया. अपर जिलाधिकारी ने डंप की परमिशन का बोर्ड का लगे होने पर नाराजगी जताते हुए खनिज विभाग से डंप मालिक के खिलाफ नोटिस भेजकर कार्रवाही करने के लिए निर्देशित किया.
अपर जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में शासन के निर्देश पर 30 जून को बालू की खदानें बंद कर दी जाती हैं. इसके बाद से जो भी बालू की निकासी होगी वह प्रशासन से स्वीकृत डंप वाली जगह से की जाएगी. जिले के उरई और कालपी तहसील में कुल 62 डंप की परमिशन दी गई है. लेकिन खनन माफियाओं ने जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में अवैध तरीके से सैकड़ों की संख्या में अवैध बालू का भंडारण किया गया है. जिस पर प्रशासन ने रणनीति बनाते हुए अवैध पड़े बालू के डंप पर जाकर कागज न दिखाने पर अग्रिम कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है.
उप जिलाधिकारी सत्येंद्र सिंह ने बताया कि सड़कों के किनारे जगह-जगह पर अवैध तरीके से बालू के डंप लगे हुए हैं. उन पर उप जिलाधिकारी और नगर पालिका उरई कार्रवाई करते हुए दुकानदारों से चालान काटकर राजस्व वसूला जाएगा.