जालौन: खनन पर मिल रही लगातार शिकायतों पर जालौन प्रशासन सख्त हो गया है. जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर के निर्देशन में उप जिलाधिकारी सत्येंद्र सिंह ने उरई तहसील के अंतर्गत आने वाले खदानों में हो रहे बालू अवैध खनन पर विभागीय जांच करवाई, जिसमें खनिज विभाग के सर्वेयर तहसीलदार और लेखपाल ने चार पट्टा धारकों पर अवैध खनन करने का दोषी मानते हुए 80 लाख रुपये तक का जुर्माना रसीद कर दिया.
जालौन: अवैध खनन करने वाले पट्टा धारकों पर कार्रवाई, 80 लाख का जुर्माना
उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में जिला अधिकारी के सख्त निर्देश के बाद खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. दरअसल, जांच के बाद प्रशासन ने अवैध बालू खनन करने वाले चार पट्टा धारकों के खिलाफ 80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
उप जिलाधिकारी सत्येंद्र सिंह ने बताया उरई तहसील के अंतर्गत पांच खदान संचालित हो रहे हैं, जिसमें भदौली खंड संख्या एक, खंड संख्या तीन, खंड संख्या पांच और सिमरिया से लगातार अवैध खनन की शिकायत ग्रामीणों द्वारा दी जा रही थी. जिस पर प्रशासन ने अतिरिक्त मजिस्ट्रेट गुलाब सिंह की अध्यक्षता में तहसीलदार लेखपाल और खनिज विभाग के सर्वेयर की एक टीम बनाई, जिसने इन खदानों में जाकर विस्तृत रूप से जांच की, जिसमें यह पाया गया कि पट्टे धारकों ने अपने सीमित क्षेत्र के बाहर जाकर ग्राम समाज और वन विभाग की जगह से अवैध बालू का खनन किया है. इसके चलते चारों पट्टे धारकों को मिलाकर 80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
उप जिलाधिकारी ने बताया कि चारों पट्टे धारकों के क्षेत्रफल का सीमांकन कर खनन निदेशक लखनऊ को रिपोर्ट भेज दी गई है. सख्ती से हिदायत दे दी गई है कि अगर दोबारा से अवैध खनन की शिकायत प्रशासन को मिलती है तो पट्टे धारकों पर भारी जुर्माना लगाकर उनका पट्टा निरस्त कर कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा. इस कार्रवाई के बाद से अवैध खनन करने वाले पट्टे धारकों में हड़कंप मच गया है.