जालौन: प्रदेश सरकार ने ग्रामीण इलाकों में विद्युत व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए जो योजनाएं बनाई हैं, उनकी जमीनी हकीकत अब दिखाई देने लगी है. जिले के माधौगढ़ तहसील के मींगनी गांव में 34 करोड़ रुपए की लागत से बना 132 केवी का विद्युत सबस्टेशन सुचारू रूप से संचालित हो गया है, जिससे 211 गांव के रहने वाले ग्रामीणों को आए दिन होने वाली लो वोल्टेज, ब्रेकडाउन, तार टूटने की समस्या से निजात मिल गयी है. इस सबस्टेशन से 5 फीडरों के जरिए विद्युत आपूर्ति संचालित है, साथ ही एक फीडर रिजर्व में अतिरिक्त रखा गया है.
उरई मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर बीहड़ क्षेत्र की माधौगढ़ तहसील में सुचारू रूप से विद्युत आपूर्ति किसी भी सरकार के लिए चुनौती रही है. लेकिन योगी सरकार ने ग्रामीण इलाकों में विद्युत आपूर्ति का संचालन नियमित करने के लिए सर्वे कराया, जिसमें मींगनी गांव में 132 केवी के सबस्टेशन का प्रस्ताव रखा गया, जिससे 211 गांव की बिजली आपूर्ति सुधर सके. इसको देखते हुए 34 करोड़ रुपए शासन से मंजूर किए गए और दो साल के अंदर 5 फीडरों वाला 132 केवी का विद्युत सबस्टेशन बनकर तैयार हो गया है. सबस्टेशन से बीहड़ झेत्र के 6 फीडर माधौगढ़, रामपुरा, जगम्मनपुर, सिद्धपुरा, सिंगतौली से बिजली आपूर्ति की जा रही है, जबकि एक फीडर अतिरिक्त रूप से रिजर्व रखा गया है.
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वरिष्ठ अधिशासी अभियंता विनोद सिंह ने बताया सब स्टेशन चालू होने से उपभोक्ताओं को बिजली भरपूर मिलेगी. इसके साथ ही ब्रेकडाउन, लो वोल्टेज और तार टूटने जैसी समस्या से निजात मिल पाएगी. ब्रेकडाउन के दौरान माधवगढ़ से जालौन तक 35 किलोमीटर की लाइन चेक करने में कई घंटे लग जाते थे, जिस कारण इस गांव की बिजली आपूर्ति भी बाधित हो जाती थी. अब मात्र 5 किलोमीटर के अंदर ही 10 मिनट में लाइन चेक करने के बाद ही चालू की जा सकेगी.