हाथरस: बारिश का मौसम शुरू होते ही नदियों में जलस्तर बढ़ जाने से आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में बाढ़ के कारण आम जनजीवन अस्त व्यस्त तो होता ही है लेकिन दूसरे क्षेत्रों से व्यवसाय करने वालों के व्यवसाय भी ठप हो जाते हैं. ऐसा ही हाल हाथरस के ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों का है. हाथरस के व्यवसायियों का कहना है कि हाथरस से पूरे देश भर में ट्रांसपोर्ट के लिए गाड़ियां भेजी जाती है, लेकिन ज्यादातर प्रांतों में बाढ़ आ जाने से गाड़ियां नहीं जा पा रही है. इसकी वजह से व्यापार चौपट हो गया है और व्यापारियों का माल जहां का तहां अटक गया है.
हाथरस: बाढ़ ने थामे ट्रांसपोर्टरों के अरमानों के पहिए
नदियों में उफान आते ही कई प्रांतों में बाढ़ आ जाने से आम जनजीवन तो अस्त-व्यस्त हुआ ही है, वहीं व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों पर भारी प्रभाव पड़ा है. बाढ़ के कारण हाथरस का ट्रांसपोर्ट व्यवसाय बिल्कुल ठप हो गया है.
हाथरस में बाढ़ के कारण व्यवसाय हुआ ठप
बाढ़ के चलते ट्रांसपोर्ट व्यवसाय हुआ ठप
- हाथरस में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय भारी मात्रा में किया जाता है.
- देश के कोने कोने तक यहां से ट्रांसपोर्टरों के जरिए गाड़ियां भेजी जाती हैं और माल का आवागमन किया जाता है,
- बरसात के कारण बाढ़ के हालात हो गए हैं. ऐसे में उन प्रांतों में आवागमन भी ठप हो गया है.
- उत्तराखंड, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और कई जगह माल भेजा जाता है, लेकिन इन प्रांतों में अब बाढ़ के हालात हैं.
- इस कारण इन प्रांतों में भेजे जाने वाला माल यही ट्रांसपोर्ट पर ही पड़ा है. माल से लदी गाड़ियां इन प्रांतों में नहीं पहुंच पा रही है.
- माल लदी गाड़ियां बाढ़ ग्रसित प्रांतों के लिए निकल भी गई है तो वह रास्ते में ही फंसी रह गई है. इससे ट्रांसपोर्ट व्यापारियों का व्यवसाय ठप पड़ गया है.
ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को कई प्रांतों में बाढ़ आ जाने से काफी नुकसान है. उत्तराखंड गुजरात राजस्थान महाराष्ट्र और अन्य कई प्रांतों में हाथरस के ट्रांसपोर्ट से गाड़ियां जाती थी, लेकिन वहां बाढ़ होने के कारण गाड़ियां नहीं जा पा रही है और हाथरस का ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पूरी तरह ठप पड़ा है. ट्रांसपोर्ट व्यवसाय मंदी के दौर से गुजर रहा है.
किशन लाल शर्मा, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, प्रभारी