हाथरसः जिले के मैक्स फोर्ट हॉस्पिटल में एसडीएम ने छापेमारी की कार्रवाई की. अस्पताल में इलाज के दौरान लापरवाही से बच्ची की मौत की शिकायत के बाद ये कार्रवाई की गई. हॉस्पिटल में अनियमितता पाए जाने पर उसे दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है. तबतक हॉस्पिटल इस शर्त पर खुला रहेगा कि वहां कोई भी चिकित्सीय गतिविधि नहीं होगी. हास्पिटल मथुरा रोड पर गांव हतीसा के पास है.
हाथरस के सासनी क्षेत्र के गांव सुमिरत गढ़ी के रहने वाले दिलीपकांत अपनी करीब आठ महीने की बेटी की तबीयत खराब होने पर 27 अगस्त को मैक्स कोर्ट हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे. यहां उसका इलाज शुरू किया गया था. इसके बाद बच्ची की तबीयत और बिगड़ने लगी. जिसके बाद शनिवार को बच्ची को अस्पताल के स्टॉफ ने आगरा ले जाने के लिए कहा. परिजन बच्ची को आगरा ले जा रहे थे कि उसकी रास्ते में ही मौत हो गई.
बच्ची की मौत के बाद SDM ने की कार्रवाई इस पूरे मामले की शिकायत दिलीपकांत ने एसडीएम सदर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से की. शिकायत मिलने पर रविवार की देर शाम को एसडीएम सदर विपिन कुमार शिवहरे स्वास्थ्य विभाग टीम के साथ मैक्स फोर्ट हॉस्पिटल पहुंचे. यहां पर टीम को देख अस्पताल के आधे से अधिक कर्मचारी भाग गए. इस टीम को एक इंटरमीडिएट पास व्यक्ति अस्पताल में मरीजों को देखते हुए मिला. टीम ने बारीकी से जांच की तो अस्पताल का मेडिकल स्टोर बिना लाइसेंस के संचालित होता मिला. टीम को अस्पताल का रजिस्ट्रेशन तो मिला. लेकिन वहां पर ड्यूटी चार्ट नहीं था. साथ ही जो भी कर्मचारी मौजूद मिले वह अप्रशिक्षित थे. टीम ने मेडिकल स्टोर को सील करते हुए अस्पताल में चिकित्सीय गतिविधि पर रोक लगा दी है. तीन दिन का नोटिस दिया गया है. जिसमें अस्पताल के कर्मचारियों के अलावा अस्पताल संचालन से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया है.
इसे भी पढ़ें- हाथरस कांड : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुकदमे के ट्रांसफर से किया इनकार
एसडीए ने बताया कि उन्होंने और डॉक्टरों की टीम ने निर्णय लिया है कि अस्पताल को दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए तीन दिन का समय निर्धारित किया गया है. तब तक इस शर्त पर अस्पताल खोला जा रहा है कि कोई भी चिकित्सीय गतिविधि यहां नहीं होगी. ये कोई पहला मामला नहीं है जब किसी निजी हॉस्पिटल में मरीज की मौत हुई हो, इस मामले में फिलहाल प्रशासन की कार्रवाई सराहनीय है.