हाथरस: हाईकोर्ट के आदेश के बाद आपराधिक इतिहास वाले लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की जांच प्रशासन कर रहा है. जांच में 54 लोकतंत्र संग्राम सेनानियों को संदिग्ध पाया गया है. ये सभी आपराधिक इतिहास वाले हैं और गलत तरीके से पेंशन के तौर पर सरकार से करोडों रुपये ऐंठ चुके हैं. प्रशासन ने इन सभी 54 सेनानियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए इनसे वसूली के आदेश दिए हैं.
जानें क्या है मामला
- देश के लोकतंत्र में काले दिन के तौर पर याद किए जाने वाले आपातकाल को आज 44 साल पूरे हो गए हैं.
- 25 जून 1975 को ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी का ऐलान किया था.
- इमरजेंसी के समय देश के हित के लिए लड़ाई लड़ने वाले लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की देश के प्रति अहम भूमिका रही है.
- ऐसे लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों को सरकार उनका जीवन-यापन करने के लिए 20 हजार रुयपे पेंशन के तौर पर दे रही है.
- हालांकि इन लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों में कुछ आपराधिक इतिहास वाले भी लोग शामिल हैं.
- इनके ऊपर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह कई बार जेल भी जा चुके हैं.
जानकारी देते अपर जिलाधिकारी अशोक कुमार शुक्ला.
हाईकोर्ट ने क्या दिए हैं आदेश:
- ऐसे ही लोगों के खिलाफ हाईकोर्ट ने दाखिल एक PIL पर प्रदेश सरकार को यह आदेश दिया कि जिलों के अंदर लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की जांच की जाए.
- हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार ने जिलों के अधिकारियों को लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों की जांच के आदेश दिए हैं.
- हाथरस जिले में जांच कराए जाने पर 54 लोकतंत्र रक्षक संग्राम सेनानियों का आपराधिक इतिहास सामने आया है.
- यह लोकतंत्र सेनानी सरकार से मिलने वाली 20 हजार रुयपे पेंशन भी ले रहे थे और अब तक करोड़ों रुपये पेंशन के तौर पर ले चुके हैं.
- प्रशासन जांच में दोषी पाए गए 54 लोकतंत्र संग्राम रक्षक सेनानियों के खिलाफ पेंशन के तौर पर लिए गए रुपयों की वसूली की कार्रवाई जल्द शुरू करेगा.
क्या बोले जिम्मेदार:
अशोक कुमार शुक्ला, अपर जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में लगभग 54 प्रकरण संदिग्ध पाए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है. जांच के दौरान कुछ प्रकरणों में निर्णय हो चुका है और कुछ की जांच अभी लंबित हैं. जांच पूरी होने पर इन सभी के खिलाफ पेंशन वसूली की कार्रवाई की जाएगी.