हाथरस: कोरोना संक्रमण से पहले शादियों में हजार-पांच सौ लोग जुटा करते थे. शादियों में लोगों के अधिक से अधिक शामिल होने को स्टेटस सिम्बल माना जाता था. लोगों के शामिल होने के अलावा, सजावट, बैंडबाजे, फोटोग्राफी का भी अच्छा खासा चलन था, जो अब ठप हो चुका है. इन दिनों हो रही शादियों में अधिकतम 50 लोगों के शामिल होने की वजह से न तो सजावट है, न बैंडबाजे हैं और न ही फोटोग्राफी. गुरुवार को जिले में एक शादी हुई है, जिसमें दूल्हा-दुल्हन दोनों पक्ष के लोग जिले के बाहर के थे. इस शादी में 50 लोग शामिल हुए और दूल्हा और दूल्हन दोनों ने मास्क लगा रखा था.
हाथरस: कोरोना महामारी ने बदल दिया शादियों का ट्रेंड - कोरोना वायरस
यूपी के हाथरस में गुरुवार को एक शादी हुई. इसमें दूल्हा-दुल्हन दोनों पक्ष के लोग जिले के बाहर के थे. कोरोना वायरस के कारण शादी में केवल 50 लोग ही शामिल हुए. वहीं दूल्हा और दूल्हन दोनों ने मास्क लगा रखा था. दूल्हा गौरव ने कहा कि अगर कोरोना संक्रमण नहीं होता तो शादी बैंडबाजे के साथ धूमधाम से होती.
मूल रूप से मथुरा के रहने वाले आनंद व्यास काफी लंबे समय से राजस्थान के जैसलमेर में रह रहे हैं. उनके बेटे गौरव व्यास की शादी कानपुर के देवदत्त अग्निहोत्री की बेटी शिवांगी से होना तय हुई थी, लेकिन कानपुर में हॉटस्पॉट के कारण शादी करने की स्वीकृति नहीं मिल सकी. इस लिए वह हाथरस में अपने एक रिश्तेदार के यहां शादी करने आ गए. यहां पर सरकार के निर्देशों का पालन करने हुए जयमाला, फेरे और विदाई का कार्यक्रम हुआ.
दूल्हा गौरव ने कहा कि अगर कोरोना संक्रमण नहीं होता तो शादी बैंडबाजे के साथ धूमधाम से होती और सभी नाते-रिश्तेदार शादी में शामिल होते, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते ऐसा नहीं हो सका. दूल्हे ने सभी को मास्क व सैनिटाइजर का इस्तेमान करने की सलाह देते हुए सामाजिक दूरी का पालन करने की बात पर जोर दिया. वहीं इस शादी में फोटोग्राफी कर रहे एक शख्स सचिन ने बताया कि कोरोना की वजह से उनका धंधा चौपट हो गया है. अब नाममात्र को फ़ोटो खीच रहे हैं.