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UP Assembly Election 2022: सादाबाद सीट पर जाट मतदाता तय करेंगे जीत-हार का समीकरण - Bharatiya Janata Party Samajwadi Party

सूबे में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से सियासी सरगर्मियां बढ़ने लगी है. वहीं, सभी सियासी पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं. बात अगर हाथरस जिले की सादाबाद विधानसभा सीट की करें तो इस सीट पर आजादी के बाद लंबे समय तक कांग्रेस का कब्जा रहा. लेकिन बाद में इस सीट पर चौधरी चरण सिंह का सियासी प्रभाव देखने को मिला व उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल ने इस सीट पर कब्जा कर लिया. हालांकि, 2012 में पहली बार इस सीट पर समाजवादी पार्टी को कामयाबी मिली तो वहीं, 2017 में इस सीट पर बसपा का कब्जा हो गया था.

सादाबाद सीट पर जाट मतदाता तय करेंगे जीत-हार का समीकरण
सादाबाद सीट पर जाट मतदाता तय करेंगे जीत-हार का समीकरण

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Published : Oct 3, 2021, 10:11 AM IST

हाथरस:सूबे में आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022)को लेकर अभी से सियासी सरगर्मियां बढ़ने लगी है. वहीं, सभी सियासी पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं. बात अगर हाथरस जिले की सादाबाद विधानसभा सीट(Sadabad assembly seat of Hathras) की करें तो इस सीट पर आजादी के बाद लंबे समय तक कांग्रेस का कब्जा रहा. लेकिन बाद में इस सीट पर चौधरी चरण सिंह का सियासी प्रभाव देखने को मिला व उनकी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल (Rashtriya Lok Dal)ने इस सीट पर कब्जा कर लिया. हालांकि, 2012 में पहली बार इस सीट पर समाजवादी पार्टी को कामयाबी मिली तो वहीं, 2017 में इस सीट पर बसपा का कब्जा हो गया था.

सादाबाद सीट पर जाट मतदाता तय करेंगे जीत-हार का समीकरण

अगर बात हाथरस जिले की करें तो 2017 की मोदी लहर में केवल इस सीट को छोड़ शेष सभी सीटों पर भाजपा ने कब्जा कर लिया था. लेकिन इस सीट पर लाख प्रयास के बाद पार्टी को सफलता नहीं मिली. खैर, जाट बाहुल्य इस सीट पर अबकी देखने वाली बात यह होगी कि 2022 में यहां के मतदाता आखिर किसे अपना समर्थन देते हैं.

वहीं, जाट वोटों को अपने कब्जे में करने को पहले ही राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम से अलीगढ़ में विश्वविद्यालय का पीएम मोदी ने एलान कर दिया है. वहीं, स्थानीय सियासी जानकारों की मानें तो अगर भाजपा अबकी यहां से किसी प्रभावी जाट नेता को मैदान में उतारती है तो उसे यहां सफलता मिल सकती है.

यदि सादाबाद विधानसभा क्षेत्र के मुद्दों की बात की जाए तो यह क्षेत्र आलू उत्पादक किसानों का क्षेत्र है. लेकिन किसानों की उपज की खपत के लिए यहां कोई प्रोसेसिंग यूनिट नहीं है और न ही निर्यात की प्रोत्साहन नीति है. क्षेत्र में तमाम गांवों में खारे पानी की समस्या है. इसके अलावे नहर रजवाहों में सिंचाई को पानी की अनुपलब्धता के साथ ही पर्याप्त बिजली आपूर्ति के न होने के कारण भी यहां के लोग खासा नाराज हैं. इतना ही नहीं शिक्षा और चिकित्सा व्यवस्था के नाम पर भी यहां कोई खास इंतजाम नहीं हैं.

खैर, गौर करने वाली बात यह है कि 2017 के चुनाव में इस सीट पर कब्जा करने वाली बसपा के रामवीर उपाध्याय पार्टी से निष्कासित हैं. उनका पूरा परिवार भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर चुका है. उनकी पत्नी सीमा उपाध्याय भारतीय जनता पार्टी से जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं. ऐसे में उनका अगला कदम क्या होगा इस सीट के समीकरण उन्हीं पर निर्भर करेंगे.

वर्ष 2002 के चुनाव परिणाम

  • प्रताप चौधरी-राष्ट्रीय लोकदल-41,972 वोट
  • डॉ. अनिल चौधरी-सपा-41,896 वोट
  • गिरेन्द्र चौधरी-बसपा-21,996 वोट
  • मुनीश कुमार-कांग्रेस-7,117 वोट

वर्ष 2007 के चुनाव परिणाम

  • डॉ. अनिल चैधरी-रालोद-55,547
  • विनोद उपाध्याय-बसपा-39,831
  • प्रेम सिंह-सपा-4,259
  • प्रताप चैधरी-कांग्रेस-7,966
  • शैलराज सिंह-भाजपा-5,117
  • 2012 के चुनाव परिणाम
  • देवेंद्र अग्रवाल-सपा-63,741
  • सतेंद्र शर्मा-बसपा-58,554
  • प्रताप चौधरी-राष्ट्रीय लोकदल-51,247
  • सुभाष चौधरी-भाजपा-6,895

2017 के चुनाव परिणाम

  • रामवीर उपाध्याय-बसपा-91,385
  • डॉ. अनिल चौधरी-राष्ट्रीय लोकदल-64,775
  • प्रीति चौधरी-भाजपा-36,134
  • देवेंद्र अग्रवाल-सपा-28,980

क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या

  • जिले में मतदाताओं की कुल संख्या -3,61,049
  • पुरुष मतदाताओं की संख्या-1,96,489
  • महिला मतदाताओं की संख्या-1,64,560

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