हाथरस: देश में बाल मजदूरी एक बड़ी समस्या है. इसे रोकने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई है. लेकिन ये समस्या दूर होते नहीं दिख रही है. हाथरस जिले के अजीतपुर गांव में मनरेगा में बच्चों से मजदूरी कराई जा रही है. पोखर के खुदाई के काम में नाबालिग स्कूली बच्चों से मिट्टी ढुलाई का काम कराया जा रहा है.
पढ़ाई छोड़ बच्चे कर रहे मनरेगा में मजदूरी
लोगों को गांव में ही रोजगार मिल सके. जिससे वे अपने परिवार का पालन पोषण कर सके. इसके लिए मनरेगा के तहत लोगों से काम कराया जाता है. इस योजना में भी तमाम खामियां समय-समय पर सामने आती रहती है. हाथरस जिले के गांव अजीतपुर से भी एक ऐसा ही वाक्या सामने आया है, जहां स्कूली बच्चे सिर पर मिट्टी की परात ढोते दिखाई दिए.
दरअसल, इन दिनों हाथरस के गांव अजीतपुर में पोखर खुदाई का कार्य चल रहा है. जहां मनरेगा मेट स्कूली नाबालिग बच्चे से पोखर खुदाई का काम कराया जा रहा है. इस दौरान काम में लगे बच्चे स्कूल भी नहीं जा पा रहे हैं. जब मनरेगा मेट से इस बारे में बात की गई तो वह बहाना बनाने लगे और सफाई देते हुए बताया कि बच्चे का पिता कहीं काम से गया है. इसलिए यह बच्चा अपने पिता की जगह पर एक-दो परात मिट्टी डाल रहा है.
गौरतलब है कि सरकार बच्चों को पढ़ाने व स्कूल भेजने पर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. वहीं, मनरेगा मेट में बच्चों की पढ़ाई छुड़ाकर उनसे मजदूरी करवाई जा रही है. अब देखना यह होगा कि ऐसे गैर जिम्मेदाराना मनरेगा मेट के खिलाफ जिला प्रशासन क्या कार्रवाई करता है.
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