हाथरसःलॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी कामगारों सहित छात्र एवं अन्य लोगों का अपने-अपने राज्य में लौटना जारी है. इन्हें सुरक्षित अपने घर पहुंचाने के लिए सरकार ने स्पेशल ट्रेनों की शुरुआत कर दी है, लेकिन कोरोना संक्रमण के इस दौर में भारी संख्या में लोगों के घर वापसी पर संक्रमण प्रसार को रोकने की भी चुनौती सरकार के सामने है. इसी क्रम में जिले के सीएमओ डॉ. बृजेश राठौर ने कहा कि किसी दूसरे प्रदेश या किसी अन्य जिले से आने वाले लोग प्रशासन को सूचित अवश्य करें.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से संयुक्त रूप से मार्गदर्शिका जारी
वापस आने वाले प्रवासियों को ध्यान में रखते हुए यूनिसेफ, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन(एनएचएम) एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संयुक्त रूप से मार्गदर्शिका जारी की है, जिसमें प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर प्रबंधन प्रोटोकॉल, प्रवासी कामगारों के लिए होम क्वॉरेंटाइन के दौरान जरुरी सावधानियां एवं कोरोना से बचाव को लेकर विशेष वर्ग के लोगों के लिए सावधानी इत्यादि के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई है.
प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर बनाए गए प्रबंधन प्रोटोकॉल
प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर कुछ प्रबंधन प्रोटोकॉल बनाए गए हैं, जिसमें बाहर से घर लौटने पर सभी प्रवासियों का जिला प्रशासन द्वारा पंजीकरण एवं स्क्रीनिंग की जानी है. जिन प्रवासियों में कोविड-19 के लक्षण मिलेंगे उन्हें कुछ तय प्रोटोकॉल का अनुपालन करना होगा. जबकि जिन प्रवासियों में कोविड-19 के लक्षण नहीं भी मिलते हैं, उन्हें भी कुछ सावधानियों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा.
क्वॉरंटाइन सेंटर पर रखा जाएगा प्रवासियों को
कोविड-19 के लक्षण पाए जाने पर ऐसे प्रवासियों को सरकार द्वारा क्वॉरंटाइन फैसिलिटी में रखा जाएगा, जहां कोविड-19 की जांच होगी. अगर जांच में संक्रमण पाया गया तो उसे अस्पताल में भर्ती किया जाएगा. जांच में संक्रमण नहीं पाए जाने पर उसे 7 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही रखा जाएगा और उसकी दोबारा जांच की जाएगी. 7 दिन के बाद भी संक्रमण न होने पर घर भेज दिया जाएगा, जहां उसे खुद को 14 दिन होम क्वॉरंटाइन में रखना होगा.