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हाथरस में प्रवासी कामगारों का वापस आना सरकार के लिए चुनौती

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Published : May 13, 2020, 10:52 PM IST

Updated : May 14, 2020, 12:28 AM IST

हाथरस में लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से प्रवासी कामगारों का भारी तादाद में वापस आना सरकार के लिए एक चुनौती बन गई है. इसी के मद्देनजर हाथरस जिले में वापस आने वाले कामगारों के लिए कई मार्गदर्शिका जारी की गई है.

migrant worker
मुख्य चिकित्साधिकारी आवास.

हाथरसःलॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी कामगारों सहित छात्र एवं अन्य लोगों का अपने-अपने राज्य में लौटना जारी है. इन्हें सुरक्षित अपने घर पहुंचाने के लिए सरकार ने स्पेशल ट्रेनों की शुरुआत कर दी है, लेकिन कोरोना संक्रमण के इस दौर में भारी संख्या में लोगों के घर वापसी पर संक्रमण प्रसार को रोकने की भी चुनौती सरकार के सामने है. इसी क्रम में जिले के सीएमओ डॉ. बृजेश राठौर ने कहा कि किसी दूसरे प्रदेश या किसी अन्य जिले से आने वाले लोग प्रशासन को सूचित अवश्य करें.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से संयुक्त रूप से मार्गदर्शिका जारी
वापस आने वाले प्रवासियों को ध्यान में रखते हुए यूनिसेफ, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन(एनएचएम) एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संयुक्त रूप से मार्गदर्शिका जारी की है, जिसमें प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर प्रबंधन प्रोटोकॉल, प्रवासी कामगारों के लिए होम क्वॉरेंटाइन के दौरान जरुरी सावधानियां एवं कोरोना से बचाव को लेकर विशेष वर्ग के लोगों के लिए सावधानी इत्यादि के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई है.

प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर बनाए गए प्रबंधन प्रोटोकॉल
प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर कुछ प्रबंधन प्रोटोकॉल बनाए गए हैं, जिसमें बाहर से घर लौटने पर सभी प्रवासियों का जिला प्रशासन द्वारा पंजीकरण एवं स्क्रीनिंग की जानी है. जिन प्रवासियों में कोविड-19 के लक्षण मिलेंगे उन्हें कुछ तय प्रोटोकॉल का अनुपालन करना होगा. जबकि जिन प्रवासियों में कोविड-19 के लक्षण नहीं भी मिलते हैं, उन्हें भी कुछ सावधानियों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा.

क्वॉरंटाइन सेंटर पर रखा जाएगा प्रवासियों को
कोविड-19 के लक्षण पाए जाने पर ऐसे प्रवासियों को सरकार द्वारा क्वॉरंटाइन फैसिलिटी में रखा जाएगा, जहां कोविड-19 की जांच होगी. अगर जांच में संक्रमण पाया गया तो उसे अस्पताल में भर्ती किया जाएगा. जांच में संक्रमण नहीं पाए जाने पर उसे 7 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही रखा जाएगा और उसकी दोबारा जांच की जाएगी. 7 दिन के बाद भी संक्रमण न होने पर घर भेज दिया जाएगा, जहां उसे खुद को 14 दिन होम क्वॉरंटाइन में रखना होगा.

कोविड-19 के लक्षण न होने पर बरते सावधानी
कोविड-19 के लक्षण नहीं होने पर प्रवासी को घर भेज दिया जाएगा और उसे 21 दिन के लिए होम क्वॉरंटाइन में रहना होगा. होम क्वॉरंटाइन के दौरान यदि खांसी, बुखार या सांस लेने में कोई कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई दें तो तुरंत आशा या सरकार की हेल्पलाइन नंबर (1800-180-5145) पर संपर्क करने की सलाह दी गई है.

होम क्वॉरंटाइन में प्रवासी बरतें सावधानियां
होम क्वॉरंटाइन में प्रवासी सावधानी बरतकर संक्रमण प्रसार को रोक सकते हैं. इसके लिए मार्गदर्शिका में जरुरी जानकारी दी गई है.

• घर पहुंचते ही 21 दिन होम क्वारंटाइन में रहें. इस दौरान अलग कमरे में ही रहें.
• क्वॉरंटाइन में रहते हुए अनिवार्य रूप से मास्क, गमछा, दुपट्टे से मुंह एवं नाक को ढंक कर रखें.
• मास्क, गमछा, दुपट्टे को साबुन एवं गर्म पानी से धोकर धूप में सुखाएं.
• सिर्फ एक बार के उपयोग के लिए बने मास्क का दोबारा इस्तेमाल न करें
• हाथों को साफ पानी एवं साबुन से बार-बार धोते रहें.
• किसी से भी हाथ मिलाने से परहेज करें.
• घर का सामान जैसे बर्तन, पानी का गिलास, बिस्तर, तौलिया या अन्य उपयोग की जाने वाली चीजों को घर के दूसरे सदस्य के साथ साझा न करें.
• अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप का उपयोग करें.
• किसी भी अन्य व्यक्ति का प्रवेश अपने घर में न होने दें.
• आपको या आपके परिवार के किसी भी सदस्य में यदि कोविड-19 के लक्षण दिखाई देते हैं तो इसकी सूचना आशा को तत्काल दें.
• आपके घर से केवल एक व्यक्ति ही जरुरी सामानों की खरीदारी के लिए घर से बाहर जाए.
• घर से निकलते समय मास्क, गमछा, दुपट्टा का प्रयोग करें एवं वापस लौटने पर हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं.

Last Updated : May 14, 2020, 12:28 AM IST

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