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हाथरस का ऐतिहासिक किला राजा दयाराम की जमान पर अवैध कब्जे, प्रशासन बेफ्रिक - हाथरस का ऐतिहासिक किला क्षेत्र

दाऊजी मंदिर परिसर में पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्मारक दाऊजी मंदिर किला हाथरस का ऐतिहासिक किला क्षेत्र है. यहां आजादी से पहले राजा दयाराम का किला था, जो अंग्रेजों ने नष्ट कर दिया था. यह क्षेत्र धीरे-धीरे अतिक्रमण का शिकार होता जा रहा है.

हाथरस का ऐतिहासिक किला
हाथरस का ऐतिहासिक किला

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Published : Jan 8, 2022, 9:31 AM IST

हाथरस:दाऊजी मंदिर परिसर में पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्मारक दाऊजी मंदिर किला हाथरस का ऐतिहासिक किला क्षेत्र है. यहां आजादी से पहले राजा दयाराम का किला था, जो अंग्रेजों ने नष्ट कर दिया था. यह क्षेत्र धीरे-धीरे अतिक्रमण का शिकार होता जा रहा है. अब तो इस क्षेत्र में बस्तियां बस गई हैं और उन्हें बिजली-पानी की सुविधा भी मिल रही है. समय-समय पर इन अवैध बस्तियों को हटाने की मांग उठती रही है.

यहां दाऊजी मंदिर परिसर में पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्मारक दाऊजी मंदिर किला दयाराम का बोर्ड लगा हुआ है, लेकिन यहां उसको संरक्षित करने जैसा कोई काम नहीं हो रहा है. किला खाई क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन नए अतिक्रमण हो रहे हैं. पुराने अतिक्रमण हटाना तो दूर की बात है नए अतिक्रमण करने से भी इन्हें कोई नहीं रोक रहा है. हालांकि, यहां हो रहे अतिक्रमण को रोकने व हटाने की मांग हमेशा से होती रही है.

हाथरस का ऐतिहासिक किला

जानकार बताते हैं कि 3 साल पहले 394 अतिक्रमण चिह्नित किए गए थे, जो अब बढ़कर 700 हो गए हैं. विडंबना तो यह है कि इन अतिक्रमणकारियों को बिजली-पानी की सुविधा भी सरकारी विभाग दे रहे हैं. विश्व हिंदू परिषद ने शहर में आए उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को एक ज्ञापन देकर शिकायत की है कि दाऊजी मंदिर क्षेत्र में अवैध रूप से बने मकानों को बिजली कनेक्शन दिए जा रहे हैं. यहां बिजली के कनेक्शनों को तुरंत काटा जाना चाहिए. जिन अधिकारियों ने यह कनेक्शन दिए हैं उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए.

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इस मामले के जानकार एडवोकेट हरीश कुमार शर्मा ने बताया कि अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने का साहस कोई भी नहीं जुटा पा रहा है. हमारे पास 3 साल पहले की लिस्ट में 394 अतिक्रमणकारियों को चयनित किया गया था. वर्तमान में 700 अतिक्रमणकारी बताए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अतिक्रमणकारियों के लिए काशीराम में एक सिस्टम मानवीय आधार पर बना दिया गया, लेकिन वहां भी कोई शिफ्ट नहीं होना चाहता है. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी कतई भी इस मामले में सख्ती से काम नहीं ले रहे हैं.

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