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हाथरस गैंगरेप पीड़िता के घर के बाहर पुलिस का पहरा, परिजन अंदर बंद

हाथरस गैंगरेप पीड़िता के भाई का बड़ा बयान सामने आया है. पीड़िता के भाई ने आरोप लगाया गया है कि उसके परिवार को घर में बंद कर दिया गया है. पुलिस वाले कह रहे हैं कि न कोई गांव से बाहर आएगा और न ही कोई गांव के बाहर जाएगा.

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हाथरस गैंगरेप पीड़िता के घर के बाहर पुलिस का पहरा.

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Published : Oct 2, 2020, 4:43 PM IST

Updated : Oct 2, 2020, 4:57 PM IST

हाथरस: चंदपा कोतवाली के एक गांव में दलित युवती की मौत के बाद प्रशासन बैकफुट पर आ गया है. आरोप है कि पुलिस ने पीड़ित परिवार को घर में कैद कर दिया है. शुक्रवार को गैंगरेप पीड़िता का भाई किसी तरह गांव के बाहर आया और मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उसने बताया कि उसके घर पर पुलिस का सख्त पहरा है. परिवार के लोग घर के अंदर हैं और बाहर से कुंडी लगा दी गई है.

जानकारी देता पीड़िता का भाई.

गैंगरेप पीड़िता के भाई ने बताया कि पुलिस वाले कह रहे हैं कि न कोई गांव में आएगा और न ही कोई गांव से बाहर जाएगा. उसने बताया कि पुलिस वाले आते-जाते लोगों को भगा रहे हैं, मार रहे हैं. उसने बताया कि पुलिस ने परिवार को घर में बंद कर रखा है और बाहर से कुंडी लगा दी है.

पीड़िता के भाई का आरोप है कि सभी लोगों के फोन छीनकर स्विच ऑफ कर दिए गए हैं और धमकी दी जा रही है. उसने बताया कि वह तो चारे का बहाना कर किसी तरह से खेत से होकर बाहर आया है. उसने दावा किया कि गांव में करीबन 600 पुलिस वाले तैनात हैं. उसने यह भी कहा कि वह अब रात में किसी तरह से घर पहुंचेगा.

क्या है पूरा मामला
बता दें कि, हाथरस में बीती 14 सितंबर को पीड़िता अपनी मां के साथ पशुओं का चारा लेने गई थी. आरोप है कि उस समय गांव का ही युवक संदीप खेत पर आया और युवती को घसीट कर ले गया, जहां उसने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर युवती के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. इतना ही नहीं, आरोपियों ने पीड़िता का गला दबाकर मारने का प्रयास किया. इस दौरान आरोपियों ने उसकी इतनी पिटाई की, कि वह बेहोश हो गई.

बेहोशी के बाद आरोपी पीड़िता को मरा समझकर खेत में ही छोड़ गए. आनन-फानन में पीड़िता को जिला अस्पताल लाया गया, जहां से उसे अलीगढ़ रेफर कर दिया गया. अलीगढ़ के बाद उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई. इसके बाद दिल्ली से शव गांव लाकर आधी रात में ही पुलिस वालों ने पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया.

फिलहाल, अभी गांव में किसी को जाने की अनुमति नहीं है. इसलिए वास्तविकता क्या है, यह कहना मुश्किल है, लेकिन लड़का जो कह रहा है, उससे लगता है कि यह परिवार संकट में है.

Last Updated : Oct 2, 2020, 4:57 PM IST

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